28 जनवरी से होने वाली 7वीं राज्य प्राशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी है. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने आयोग ने मंगलवार को उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी. कहा कि वह विभिन्न वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मामले में प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की समीक्षा करेगा. हालांकि, इससे पूर्व आज ही उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने इसी मामले से जुड़ी एक अन्य रिट याचिका खारिज करते हुए मुख्य परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था.
7वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर रिट याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ के समक्ष आयोग ने यह बयान दिया. आयोग के अनुरोध पर अदालत ने उसे इस मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने की अनुमति देने के साथ ही इसे 15 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया. इससे पूर्व, उच्च न्यायालय में 7वीं जेपीएससी में प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण के बिंदु पर सुनवाई हुई. याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने जब प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण दे दिये जाने के आरोपों पर जवाब मांगा तो जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा दो सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से प्रारंभ होने वाली थी जो अब तत्काल प्रभाव से स्थगित हो गई है.
इससे पूर्व, सोमवार को इस खंडपीठ में 9वीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिए जाने के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने जेपीएससी से जवाब मांगा था. अदालत ने जानना चाहा कि 7वीं जेपीएससी में वर्ग वार कितनी सीटें थीं? प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण दिया गया है या नहीं? कितने आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य कैटेगरी में चयनित हुए हैं? इस सभी बिंदुओं पर जेपीएससी को जवाब देना था. इसी दौरान मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई थी. खंडपीठ में इस संबंध में कुमार संयम की ओर से एकलपीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गई है. एकलपीठ ने हाल ही में मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी थी. इस अपील पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि 7वीं जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में भी आरक्षण दे दिया गया है. इसका न तो विज्ञापन में जिक्र किया गया था और न ही ऐसी नीति राज्य सरकार ने बनाई है, जिसके अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ दिया जा सके