यूपी में उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है । प्रदेश में 12 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल पूरी कोशिशें कर रहे हैं । इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय लोकदल ने समाजवादी पार्टी के साथ मिल कर यह चुनाव लड़ने को लेकर विचार किया है ।
आरएलडी प्रभावित पश्चिम यूपी की गंगोह और इगलास विधानसभा सीटों की डिमांड सपा के सामने रखी है । ऐसे में अखिलेश यादव कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं और अपनी राय दे सकते हैं कि वो आरएलडी को साथ लेकर चुनाव लड़ना चाहती है या नहीं । सहारनपुर जिले के गंगोह विधानसभा क्षेत्र और हाथरस जिले की इगलास सीट पर उपचुनाव होना है । गंगोह से प्रदीप चौधरी और इगलास से राजवीर सिंह दलेर बीजेपी के विधायक थे जो 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए हैं ।
लोकसभा चुनाव में बुरी हार के बाद ही आरएलडी की तरफ से साफ कर दिया गया था कि भले ही बीएसपी ने गठबंधन से अलग राह पकड़ी हो, लेकिन वह एसपी के साथ अपनी निकटता बरकरार रखेगी इससे यह स्पष्ट है कि आरएलडी की नजर 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव पर है । आरएलडी पर सियासी संकट लगातार बरकरार है । आरएलडी के पास न तो एक विधायक है और न ही कोई सांसद । सपा और बसपा के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद भी आरएलडी कोई जीत दर्ज नहीं कर पाई थी ।
आरएलडी महासचिव डॉ. मेराजुद्दीन का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत फाइल दौर में है, जल्द ही सीट शेयरिंग का ऐलान हो जाएगा । आरएलडी ने फिलहाल गंगोह और इगलास सीटों पर लड़ने का फैसला किया है । इन सीटों पर सपा हमारी मदद करेगी और बाकी सीटों पर आरएलडी सपा को समर्थन करेगी ।