रांची के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार को हुए दिनदहाड़े गैंगवार की घटना ने कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. हाई सिक्यूरिटी जोन में घटित घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चिंता जताते हुए उच्च अधिकारियों की बैठक भी बुलाई. कानून और सुरक्षा को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए आदेश भी दिए. जिला प्रशासन हरकत में आई. रांची एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने आदेश जारी कर मोरहाबादी मैदान क्षेत्र में अगले आदेश तक के लिए धारा 144 लगा दिया गया है. इस दौरान सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारी/कर्मचारी, मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर, गुरुद्वारा जानेवाले लोग एवं अंत्येष्ठी में शामिल लोगों को छूट दी गयी है. दुकान और ठेला लगाने की भी सख्त मनाही है.
रांची अपर जिला दंडाधिकारी (विधि व्यवस्था) उत्कर्ष गुप्ता द्वारा जारी आदेश के तहत कहा गया कि पूरे मोरहाबादी मैदान क्षेत्राधिकार में अगले आदेश तक धारा 144 लागू रहेगी. इस दौरान कई चीजों पर पाबंदी लगायी गयी है. इसके तहत पूरे मोरहाबादी मैदान क्षेत्राधिकार में 5 या 5 से अधिक लोगों का एक जगह जमावड़ा नहीं होगा.
साथ ही किसी प्रकार का हरवे-हथियार जैसे- लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर मोरहाबादी मैदान के सड़क पर निकलने या चलने पर प्रतिबंध लगायी गयी है. किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, बैठक, जुलूस, रैली या आमसभा का आयोजन करने पर रोक लगायी गयी है. इसके अलावा लाउडस्पीकर का उपयोग यहां वर्जित किया गया है. पूरे मोरहाबादी मैदान में निषेधाज्ञा 28 जनवरी से अगले आदेश तक के लिए लागू कर दी गयी है. कहा गया कि इस आज्ञा का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
मोरहाबादी दुकानदार संघ के अध्यक्ष जनसेवक कुमार रौशन ने इसका विरोध जताया. कहा कि मोरहाबादी के फुटपाथ दुकानदारों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. किसी भी सूरत में गरीबों के पेट में लात बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. प्रशासन अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. कहा कि सरकार पहले गरीबों को कहीं कमाने-खाने के लिए जगह दें. मोरहाबादी के दुकानदार खुद ही खाली कर देंगे.