जमशेदपुर: टाटा ग्रुप ने उद्योग जगत में एक बार फिर हलचल मचा दी है. एयर इंडिया के बाद एक स्टील कंपनी की डील पूरी की. ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड को खरीद लिया है। बताया जाता है कि टाटा स्टील ने इसके लिए करीब 12,000 करोड़ की बोली लगाई थी। हालांकि कंपनी या सरकार की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा एक-दो दिन बाद होने की कही जा रही है, लेकिन इस अधिग्रहण ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। सरकार की घोषणा के बाद अधिग्रहण की औपचारिकता शुरू होगी. भूषण स्टील और उषा मार्टिन के बाद टाटा स्टील ने NICL को अपने अधिकार में ले लिया है.
ओडिशा स्थित नीलाचल इस्पात निगम का अधिग्रहण करने के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी, जिसमें टाटा स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और जिंदल स्टील वर्क्स शामिल थी। बताया जाता है कि विनिवेश या अधिग्रहण के लिए नीलाचल इस्पात निगम की कीमत छह से सात हजार करोड़ रुपये रखी गई थी। दावेदार कंपनियों ने अपनी बोली इसी के आसपास लगाई थी, लेकिन टाटा स्टील ने एकबारगी 10 से 12 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाकर सबको हैरत में डाल दिया।
नीलाचल इस्पात निगम में भारत सरकार के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम मिनरल्स एंड मेटल्स ट्रेड कारपोरेशन लिमिटेड (एमएमटीसी) की 49 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है। केंद्र सरकार ने इसकी 93 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की थी। इस कंपनी में एमएमटीसी के अलावा भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की 0.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ज्ञात हो कि कुछ ही वर्ष पहले टाटा स्टील ने जमशेदपुर व ओडिशा स्थित उषा मार्टिन इंडस्ट्रीज लिमिटेड और भूषण स्टील एंड पावर लिमिटेड का अधिग्रहण किया था। इससे इन कंपनियों के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इन्हें कई सुविधाएं टाटा स्टील के कर्मचारियों की तरह मिल रही हैं। हालांकि कुछ सुविधाओं के लिए पुरानी कंपनी के कर्मचारी अब भी मांग कर रहे हैं।