पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में टी-शर्ट, टॉफी वितरण में हुई अनियमितता और घोटाले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगी. 13 से 15 नवंबर 2016 के दौरान झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह के लिए सामग्री खरीदने और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन में हुईं गड़बड़ियो की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनियमितता की मिली शिकायतों को लेकर एसीबी जांच के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. विधायक सरयू राय ने इसे टीशर्ट और टॉफी, मिठाई घोटाले की एसीबी जांच का आदेश मुख्यमंत्री द्वारा विलंब से उठाया गया स्वागत योग्य कदम है. मुख्यमंत्री को यह आदेश पहले ही देना चाहिए था.
आयोजन में हुई अनियमितता को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए विचाराधीन है. विधायक सरयू राय ने 4 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर आरोप लगाया कि रघुवर दास ने 2016 के झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह की आड़ में सरकारी धन से अपने निजी कार्यक्रम में हुये खर्च का भुगतान कराया है. सरयू राय ने इसे राज्य को बदनाम करने वाला घोटाला बताते हुये पूरे मामले की एसीबी या सीबीआई से जांच कराने की मांग की.
सरयू राय के आरोप के मुताबिक तत्कालीन सरकार ने समय अभाव की बात कह कर राज्य स्थापना दिवस समारोह 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिये प्रिंटेड टीशर्ट व टॉफी बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा था.
महालेखाकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया जा चुका है कि टीशर्ट और टॉफी वितरण में गड़बड़ी हुई है. एजी की रिपोर्ट में भी इस पर आपत्ति जताई गई है. सरकार ने पांच लाख स्कूली बच्चों के बीच टॉफी और टीशर्ट का वितरण एक ही दिन में कर दिया था. एक दिन में इतने बच्चों को टीशर्ट का वितरण करना संभव नहीं है. वितरण के नाम पर बड़ी राशि का दुरुपयोग किया गया है.
आरोप के अनुसार जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित लाला इंटरप्राइजेज से टॉफी की खरीद हुई. बताया गया है कि टीशर्ट कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना से जमशेदपुर के स्थानीय एजेंट के माध्यम से खरीदी गई थी. लेकिन टीशर्ट लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से पहुंची या रेल मार्ग से इसकी सूचना सरकार को नहीं है.
रोड परमिट भी नहीं दिया गया है. इसके बावजूद भुगतान पूरा हो गया. प्रारंभिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लाला इंटरप्राइजेज ने न तो टॉफी खरीदा और न ही बेचा, लेकिन एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उसपर बिक्री कर का लगभग चार लाख रुपये भुगतान भी कर दिया. वाणिज्यकर विभाग ने बाद में लाला इंटरप्राइेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया.
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बताया कि 15 नवंबर 2016 को पूर्व निधारित कार्यक्रम के बीच एक घंटे के लिए पार्श्व गायिका सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम रखा गया. नौ नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के आप्त सचिव ने सुनिधि चौहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा. 44 लाख रुपये खर्च का यह प्रस्ताव स्वीकृत हुआ, जबकि कुल भुगतान 55 लाख रुपये दिखाया गया.
मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे. हमने पांच साल ईमानदार सरकार और ईमानदार प्रशासन दिया है. इसके बावजूद अगर किसी को लगता है कि कोई गड़बड़ी हुई है, तो किसी भी जांच का मैं स्वागत करता हूं. सांच को आंच क्या. इस सरकार ने विधानसभा में स्वयं स्वीकार किया था कि इस मामले में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है. अभी हाल के दिनों में ही मैंने सरकार पर कुछ गंभीर सवाल उठाए थे, शायद निशाना सही जगह लगा है