सदियों के बाद ऐसी शख्सियत जन्म लेती है. भगवान के विशिष्ट श्रेणी में एक नाम लता मंगेशकर जी का भी है. तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे…, मेरी आवाज ही पहचान है….. हम तो भये परदेसी कि….. जैसे गाने से अपनी आवाज को पहचान बनाने वाली लता दी हमारे बिच अपने लौकिक शारीर के साथ नहीं मौजूद नहीं है, पर हमारे बीच आज भी वो अपनेआवाज से अपनी वुसी पहचान के साथ है और बनी रहेंगे. मुंबई के शिवाजी पार्क में उनका अंतिम संस्कार किया गया. भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने पार्थिव शारीर को मुखाग्नि दी. उनकी बहने सहित परिवार के सभी मौके पर मौजूद थे. महाराष्ट्र के अलावे मध्यप्रदेश, गोवा आदि प्रान्तों से उनके प्रशंसक अंतिम दर्शन को पहुंचे थे.
पुरे राजकीय सम्मान के साथ लता दी को अंतिम विदाई दी गई. तीनो सेना के समूह ने उन्हें अंतिम सलामी दी. इससे पहले तिरंगे में लिपट कर लता दी के पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क में बने कुंड में चन्दन के लकड़ी पर लिटाया गया था. तिरंगा में लिपटी लता दी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुरे सम्मान के साथ श्रद्धांजली दी. इसके बाद आशा भोंसले, उषा मंगेशकर और सहित उनके अन्य परिजन से मिल कर बात की. परिजनों को उन्होंने सांत्वना दी. उनके अंतिम दर्शन कर 10 मिनट में वहां से निकल गये. उनके बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुष्प अर्पण किया. शरद पवार ने भी अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजली दी. राज ठाकरे ने भी श्रद्धांजली दी. बॉलीवुड के कई स्टार और खिलाड़ी भी बड़ी संख्या में थे. लता दी के मानव पुत्र कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी अपनी पत्नी अंजलि के साथ उन्हें श्रद्धांजली दी. गायकी की दुनिया से जुड़े कई हस्तियों ने आज लता दी के चरणों में अंतिम श्रद्धांजली दी.
तीनो सेना के समूह ने लता दी को पुरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी. भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के शरीर पर लिपटे तिरंगे को भाई हृदयनाथ मंगेशकर के पुत्र आदिनाथ मंगेशकर को तिरंगा सौंपा. आठ पंडितों के दल ने लता दी की कुल देवी मंगेश्वरी देवी को नमन कर परम्परागत पारिवारिक विधियों से अंतिम संस्कार करवाया. भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने लता दी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. परिवार लोगों ने अंतिम संस्कार में उपस्थित थे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, सचिन तेंदुलकर सहित भरी संख्या में गणमान्य लोग अपने परिवार के साथ थे.