मानगो स्थित खुदीराम बोस चौक में भारत की कोयल एवं संगीत के क्षेत्र का सितारा भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया गया। सभा में जमशेदपुर के सभी सामाजिक, कला-संस्कृति दलों के कलाकार, राजनीतिक एवं संस्थाओं के सदस्य उपस्थित होकर पुण्य आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण कर प्रार्थना किया।
सभी ने लता मंगेशकर जी के गानों को याद करते हुए अपनी भावनाओं को सामूहिक रूप से साझा किया सभा के आयोजिका वं गीता थिएटर की अध्यक्ष गीता प्रेम दीक्षित ने बताया कि लता दीदी की जाने से भारतीय संगीत को बहुत बड़ा क्षति पहुंचा है. लता दीदी के गाने सुनकर हम बच्चे से जवान हो गए परंतु आज भी जब हम उनके गानों को सुनते हैं तो लगता है कि गाने आज ही के हैं उनके गाने सदाबहार थे और रहेंगे लता दीदी को जब भी हम याद करते हैं तो उनकी कुछ प्रमुख गाने खुद-ब-खुद जवान पर आ जाते हैं लता दी कलाकारों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है क्योंकि इतनी बड़ी स्टार होने के बावजूद उनका आचरण एकदम सरल और निर्मल था वह छोटे बड़े कलाकारों का इज्जत करती थी सभी के साथ सम्मान पूर्वक उनका रिश्ता था उनका जाना हम सभी के लिए भारत के लिए एक शोक काल है जिसे हम काफी समय तक भुला नहीं पाएंगे.