JTET के लिए झारखण्ड से मैट्रिक इंटर पास होना जरूरी, आरक्षित अभ्यर्थियों के मामले में बाध्यता नहीं
हेमंत सरकार ने गुरूवार को कैबिनेट में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) नियमावली-2019 के (संशोधन) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत राज्य में अब झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) परीक्षा के लिए झारखंड से ही मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा. झारखंड स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की स्वीकृति मिली है. जेटेट को लेकर एक फैसला यह भी हुआ है कि इसकी मान्यता अब आजीवन होगी. इसके अलावा जेटेट की परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को अब आवेदित जिलों के लिए कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग दवारा अनुमान्य क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं में से किसी एक भाषा में परीक्षा देना अनिवार्य होगा. गुरूवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में कुल 63 प्रस्ताव पर हेमंत सरकार ने स्वीकृति दे दी है.
सरकार ने फैसला किया है कि जेटेट की परीक्षा देने के लिए मैट्रिक और इंटर की पढ़ाई की बाध्यता आरक्षण के संदर्भ में शिथिल होगा. मतलब कि झाऱखंड में आरक्षित अभ्यर्थियों के मामले में राज्य के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की बाध्यता नहीं होगी.
बता दें कि झारखंड में अभी तक कोई भी झारखंड शिक्षक योग्यता परीक्षा नियमावली गठित नहीं थी. पहले जेटेट की परीक्षा झारखंड प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली– 2012 के अधीन ही वर्ष 2013 और 2016 में आयोजित की गयी थी. बाद में राज्य सरकार द्वारा उक्त 2012 के नियमावली में संशोधन कर झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली – 2019 का गठन किया गया था. अब सरकार ने 2019 के नियमावली में संशोधन करते हुए झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (संशोधन) नियमावली 2022 की मंजूरी दी है. संशोधन के तहत ही झारखंड में जेटेट की परीक्षा के लिए मैट्रिक और इंटरमीडिएट की पढ़ाई अनिवार्य किया गया है. प्रस्ताव में इसका भी जिक्र था कि केंद्र सरकार द्वारा पहले ही शिक्षक पात्रता परीक्षा की अधिमान्यता आजीवन कर दी गयी है. इसे देखते अब झारखंड में भी जेटेट की मान्यता आजीवन होगी