हिजाब मामले पर कई दिग्गजों के बयान आ रहे है. प्रियंका गाँधी वाड्रा से लेकर मलाला यूसुफजई तक, जिनका कहना है की यह महिला को तय करना है कि उन्हें क्या पहनना है. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्म मेकर अशोक पंडित ने ट्वीट किया और लिखा, ‘मैडम यूनीफॉर्म नाम की चीज के बारे में कुछ सुना है आपने ? अगर स्कूल गए होते तो आपको पता होता की स्कूल में सारे विद्यार्थियों को एक ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है !’
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बिकनी हो, घूंघट हो, जींस हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है। यह अधिकार भारतीय संविधान ने हर महिला को दिया है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो। #लड़की हूं लड़ सकती हूं।’
प्रियंका गांधी के इस ट्वीट पर इसके साथ ही मलाल यूसुफजई ने भी इस मामले कि निंदा करते हुए ट्वीट किया, ‘कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच किसी एक को चुनने के लिए मजबूर कर रहा है। लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना हैरान करने वाला है। कम या ज्यादा कपड़े पहनना महिला का अपना चुनाव होना चाहिए। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले इस बर्ताव को रोकना चाहिए।’ मलाला के इस ट्वीट पर रिप्लाई देते हुए अशोक पंडित ने लिखा, ‘भागी हुई बेगम जी आप से किसी ने राय नहीं मांगी है और इसीलिए अगर चुप ही रहें तो ज़्यादा बेहतर होगा! दुनिया की नज़रों में आप एक कट्टर पंथी हो जो हिंदुस्तान के दुश्मनों के साथ मिला हुआ है!’
फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘जो लोग कह रहे हैं कि ड्रेस कोड का पालन होना चाहिए, उनके ध्यानार्थ- कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में 10वीं के बाद ड्रेस कोड की अनिवार्यता कभी नहीं रही। सभी छात्र अपनी पसंद के कपड़े पहनते रहे हैं- जिसमें हिजाब भी शामिल है। इस विवाद के बाद सरकार ने ड्रेस कोड की अनिवार्यता लागू की है।’