नई दिल्ली : भारतीय रेलवे भविष्य में चलने वाली निजी ट्रेनों में बढ़ते किराये पर अंकुश भी लगाएगा. इसके जल्द ही रेल मंत्रालय एक नियामक का गठन करेगा, जो किराये पर नजर बनाए रखेगा. फिलहाल रेलवे ने आईआरसीटीसी को दो रूट पर तेजस ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी दे दी है. यह ट्रेनें अक्तूबर के महीने में दिवाली से पहले शुरू हो जाएंगी. अगर यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा है तो फिर आगे भी अन्य रूटों पर निजी ट्रेन चलाने की मंजूरी दी जा सकती है.
नियामक का होगा गठन
रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने कहा कि अन्य कंपनियों को ट्रेन चलाने की मंजूरी देने से पहले एक नियामक का गठन होगा. यह नियामक किराये पर अंकुश लगाएगा, ताकि त्योहार के वक्त कंपनियां किराये को ज्यादा न बढ़ा सके. नियामक का कार्य बिलकुल विमानन क्षेत्र में कार्यरत नियामक की तरह होगा.
कई कंपनियों ने दिखाई रूचि
निजी ट्रेन चलाने के लिए कंई कंपनियों ने अपनी रूचि दिखाई है. रेलवे एक पारदर्शी नीलामी व्यवस्था के तहत ट्रेन और रूटों को दिया जाएगा. यह ट्रेनें प्रमुख रूटों पर चलेंगी, जब 90 फीसदी मालगाड़ियों को डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. देश में पूर्वी और पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर दिसंबर 2021 तक तैयार हो जाएंगे.
मिलेंगी यह सुविधाएं
रेलवे बोर्ड की तरफ से तैयार कराए गए ब्लू प्रिंट के मुताबिक, आईआरसीटीसी को इन ट्रेनों की जिम्मेदारी तीन साल के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सौंपी जा रही है. सप्ताह में छह दिन चलने वाली इन ट्रेनों में रेलवे की तरफ से दी जाने वाली कोई रियायत, मासिक पास, किराया छूट या अन्य विशेषाधिकार का लाभ नहीं दिया जाएगा. साथ ही इन दोनों ट्रेन में टिकट चेकिंग की व्यवस्था भी रेलवे के बजाय आईआरसीटीसी अपने स्तर पर करेगा.
मिलेगा यूनिक नंबर
इन दोनों ट्रेनों को यूनिक नंबर दिया जाएगा और इनका संचालन रेलवे का संचालक स्टाफ (लोको, पायलट, गार्ड और स्टेशन मास्टर) ही संभालेंगे, लेकिन इन ट्रेनों के मेंटिनेंस और स्पेयर-पार्ट्स का खर्च आईआरसीटीसी को ही चुकाना होगा.
दुर्घटना के वक्त मुआवजा देगा रेलवे
भले ही ट्रेन संचालन में सभी जिम्मेदारियां आईआरसीटीसी की होगी, लेकिन किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में इन दोनों ट्रेन के यात्रियों को मिलने वाले किसी भी प्रकार के मुआवजे की जिम्मेदारी रेलवे की ही होगी, साथ ही ट्रेन का संचालन दोबारा शुरू करने में भी रेलवे की तरफ से आईआरसीटीसी की मदद की जाएगी.