सेबी के मुताबिक पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण स्टॉक एक्सचेंज की महत्वपूर्ण और गोपनीय सूचना एक तीसरे शख्स को शेयर करती थीं. सेबी का कहना है कि वह तीसरा शख्स एक बाबा है जो हिमालय पर्वत पर बैठा हुआ है.sebi ने अपने खुलासे में कहा कि चित्रा हिमालय के एक अनाम बाबा (योगी) के सलाह पर फैसला लेती थी. इन्हीं बाबा के सलाह पर उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति किया था. चित्रा रामकृष्ण और अन्य के खिलाफ शुक्रवार को पारित अपने अंतिम आदेश में सेबी ने यह खुलासा किया है.
लेकिन, मनीकंट्रोल की ओर से जारी एक वीडियो में बताया गया है कि चित्रा इस बाबा के साथ समंदर के बीच पर भी घूमती थीं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर चित्रा की बाबा से मुलाकात नहीं हुई तो फिर बीच पर घूमने की बात कैसे उठी. माना जा रहा है कि ये शख्स चित्रा का ही कोई करीबी था.मामले की जांच में यह भी पता चला है कि चित्रा का दिल्ली में मजबूत कनेक्शन था. दिल्ली में होने वाली किसी भी हलचल की खबर उन्हें मिल जाती थी. यही कारण है कि लोग उनके खिलाफ होने वाली शिकायतों पर चुप्पी साध लेते थे. सुब्रमण्यन ने 12 सितंबर, 2018 के अपने बयान में कबूल किया था कि वह उस गुमनाम योगी को पिछले 22 साल से जानते हैं.चित्रा को जानने वाले ये भी बताते हैं कि ऊपर से बेहद सरल और सौम्य नजर आने वाली चित्रा का वास्तविक स्वभाव ऐसा नहीं था. वे काफी चालाक और पेशेवर थीं. NSE के कर्मचारियों का कहना है कि ये तिकड़ी (चित्रा, आनंद और सुनीता) अपने काम को बेहद पेशवराना अंदाज में अंजाम देती थी. यही कारण है कि सेबी को इसकी भनक नहीं लगी और चित्रा करीब तीन साल तक 8 करोड़ निवेशकों की भावनाओं और पैसों से खेलती रहीं.
कौन है योगी
रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (nse) की एमडी एवं सीईओ थीं. वह योगी को सिरोमणि कहती थीं, जो उनके मुताबिक एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और पिछले 20 वर्षों से व्यक्तिगत और व्यावसायिक मामलों पर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. रामकृष्ण के अनुसार यह अज्ञात व्यक्ति या योगी कथित रूप से एक आध्यात्मिक शक्ति थी, जो अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकती थी.