बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक की अंतरिम रिहाई का निर्देश देने से इनकार कर दिया. हैबियस कॉर्पस याचिका में अंतरिम आवेदन खारिज किया.
याचिका मे मलिक ने दावा किया था कि 23 फरवरी को उनकी गिरफ्तारी और पीएमएलए कोर्ट की तरफ से दी गई रिमांड गैरकानूनी है. पीएमएलए के तहत कार्रवाई से पहले ही यह आदेश दिया गया था. सीनियर वकील अमित देसाई ने कहा कि पीएमएलए कोर्ट ने ईडी को कस्टडी देकर गलत किया है जब कि उनके रेट्रोस्पेक्टिव ऐप्लिकेशन पर ध्यान नहीं दिया गया.
वकील ने कहा कि दस्तावेजों के जरिए भी यह साबित नहीं किया जा सकता कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मलिक शामिल हो सकते हैं. यह काम किसी और ने किया होगा. जब मलिक को पोजेशन मिल गया तो पता चला कि मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे से इस जमीन को खरीदा गया है.