भाजपा सांसद अशोक बाजपेयी ने कार को दस साल चलाने लायक बताने वाली नीति पर विचार करने की मांग की है. उनका कहना है कि पाई-पाई जोड़ कर एक मध्यमवर्गीय परिवार कार खरीद पता है. किसी तरह लोन जमा होता है, और 10 साल के बाद इसे अयोग्य करार दिया जाता है. एक आम व्यक्ति के लिए कष्टदायक है. दिल्ली जैसे महानगर में 10 साल के बाद यह कार चलाने योग्य नहीं मानी जाती तब आम व्यक्ति के लिए औने-पौने भाव में उस कार को बेचना ही एकमात्र विकल्प होता है. भले ही उसकी कार में कोई तकनीकी खामी और कोई अन्य समस्या भी नहीं हो. बाजपेयी ने कहा कि सरकार को इस नीति पर पुन:विचार करना चाहिए और कोई ऐसे उपाय निकालने चाहिए ताकि अच्छी हालत में होने पर कार 10 साल के बाद भी चलाई जा सके.