युक्रेन रूस युद्ध के बीच रूस द्वारा न्यूक्लियर पनडुब्बियां समंदर में उतारने की खबर आई है. इससे न्यूक्लियर वॉर की आशंका भी बढ़ गई है. यह खबर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने परमाणु बलों को विशेष अलर्ट पर रखने के कुछ घंटों बाद आई है. युद्ध थामने के बजाय और भीषण होता जान पड़ रहा है.
रूसी न्यूक्लियर पनडुब्बियों के बारे में कहा जाता है कि वे एक साथ 16 बैलिस्टिक मिसाइल को ले जाने में सक्षम है. इन पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक महासागर में उतारा गया है. रूस के इस कदम को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रेमलिन अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जाता दिख रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने 3 मार्च से अपने न्यूक्लियर हथियारों को हाई अलर्ट पर रखा है. क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने 22 मार्च को नाटो को धमकी देते हुए कहा था कि अगर नाटो ने सीमा लांघी तो क्रेमलिन न्यूक्लियर हमले से नहीं चूकेगा. हालाँकि द टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि ये न्यूक्लियर पनडुब्बियां जल्द ही रूस की ओर लौट आए हैं और उसके बाद से गतिविधियां सामान्य हैं
रूस के जनरल स्टाफ के पहले उप प्रमुख कर्नल जनरल सर्गेई रुडस्कॉय ने मीडिया को बताया कि उनका मुख्य लक्ष्य डोनबास का लिबरेशन है. उन्होंने कहा है कि जब तक रूसी सेना डोनबास और लुहंस्क को लिबरेट नहीं करती, हम पीछे नहीं हटने वाले.