एएसआई ने कुतुब मीनार मामले पर अपना जवाब साकेत कोर्ट को सौंप दिया. इसमें कहा कि कुतुब मीनार 1914 से एक संरक्षित स्मारक है और इसकी संरचना को अब नहीं बदला जा सकता है.एएसआई ने अदालत से कहा, हम संरक्षित क्षेत्र के चरित्र को नहीं बदल सकते क्योंकि स्मारक के संरक्षण के समय पूजा की कोई प्रथा नहीं थी.हम अब पूजा की अनुमति नहीं दे सकते.