कश्मीर में टॉरगेट किलिंग के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं.जम्मू और कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल और सुरक्षा एजेंसियों के अन्य शीर्ष अधिकारी नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में बैठक में भाग ले रहे हैं.
सुरक्षा की मांग को लेकर कश्मीरी पंडित समुदाय के विरोध के बीच बैठक हो रही है और उनमें से कुछ लक्षित हत्याओं के बाद घाटी छोड़ रहे हैं.
यह बैठक मंगलवार को कुलगाम में जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की रहने वाली एक महिला शिक्षक सहित लक्षित हत्याओं को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के मद्देनजर हुई है.
18 मई को, आतंकवादी उत्तरी कश्मीर के बारामूला में एक शराब की दुकान में घुस गए थे और एक ग्रेनेड फेंका था, जिसमें जम्मू क्षेत्र के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे.
पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी की 24 मई को श्रीनगर में उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि दो दिन बाद बडगाम में एक टेलीविजन कलाकार अमरीन भट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
2012 में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कार्यरत करोड़ों कश्मीरी पंडित, मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में 12 मई को आतंकवादियों द्वारा मारे गए राहुल भट की हत्या के बाद से बड़े पैमाने पर पलायन की धमकी देते हुए लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.