जीएम प्रमोद कुमार प्रयागराज से कानपुर सेंट्रल पहुंचे थे. यहां से उन्हें श्रम शक्ति से दिल्ली जाना था. कानपुर सेन्ट्रल के अधिकारी इसी सोच में थे कि जीएम साहब अपने केबिन में सो रहे होंगे. लेकिन जीएम साहब ने एक कर्मचारी से गमछा लिया और उसको सिर पर बांधकर आम आदमी की तरह दूसरी तरफ के दरवाजे से प्लेटफॉर्म पर उतर गए. गमछा बंधा होने के चलते रेलवे अधिकारी उनको पहचान ही नहीं पाए. प्लेटफॉर्म पर जीएम सीधे एक फूड स्टॉल पर पहुंचे.
दुकान पर उन्होंने पानी की एक बोतल खरीदी. स्टॉल वाला उनको 15 रुपये की पानी की बोतल पांच रुपये अधिक कीमत करके 20 रुपये में दिया. इसके बाद जीएम ने स्टेशन के छह स्टॉलों पर ओवर बिलिंग चेकिंग की. इस दौरान उप सचिव विजय कुमार भी मौजूद रहे. चेकिंग के तुरंत बाद कानपुर सेन्ट्रल के अधिकारियों को वहां तलब किया गया. अगले दिन जीएम के आदेश पर कानपुर सेंट्रल के पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया. जीएम ने अपनी जांच में पाया कि इन अधिकारियों की लापरवाही से ओवर बिलिंग करके यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर सामान बेचा जा रहा है.