प्रचलित नाम– सुपारी, पुंगीफल।
प्रयोज्य अंग-मूल, पत्र एवं बीज ।
स्वरूप- लम्बा पतला पाम जैसा वृक्ष, 40-60 फीट ऊँचा, पुष्प बड़ी काष्टीय मंजरियों में होते हैं।
स्वाद– कटु
रासायनिक संगठन-इसके बीज में एफलाटोक्सीन्स बी एवं जी-1, अनेक एल्कलॉयड्स (एरेकॅडाइन, एरेकॉलाईन, गुवासीन एवं आईसो गुवासीन), फोस्फरस, लोह एवं अन्य अनेक क्षार पाये जाते हैं।
गुण-जीवाणुघ्न, गर्भरोधी, शीतल, ग्राही, कृमिघ्घ्र, उत्तेजक
उपयोग- अतिसार, मूत्रविकार, चेचक रोग, मैथुनी अंगों के छालों, विसूचिका, सुजाक, प्रवाहिका तथा अस्थिभग्र में।
सुपारी को जलाकर इसके चूर्ण का प्रयोग दंतमंजन में किया जाता है।
कच्ची सुपारी को दूध में पीसकर सेवन से फीताकृमि नष्ट होते हैं।
सुपारी के चूर्ण के सेवन से रक्त मिश्रित आंव में लाभ। सुपारी को हमेशा चबाने से कैन्सर होने की संभावना है।
आमवात में सुपारी के टुकड़े रात भर जल में भिगोकर रखे रहने के पश्चात् प्रातः पीसकर इसमें पुरानी इमली का मोटा कल्क मिलाकर सेवन करना चाहिए तथा इसके ऊपर गुनगुना जल पीने से रेचन होकर आमवात में लाभ होता है।
शिरःशूल (माइग्रेइन) आधी सुपारी को जल में घिसकर इसका लेप करना चाहिए।
खाज-खुजली में-सूखी सुपारी की ऊपर की छाल (शुष्क फलावरण) को जलाकर, इसकी काली राख को तिल के तेल में अच्छी तरह घोट कर, रोग ग्रस्त अंग पर इसका लेप करना चाहिए।
कंठमाल-चिकनी – सुपारी इमली की गुठली एवं गुग्गुल इन सबको गरम जल में घिसकर इसका लेप करना चाहिए।
Areca catechu Linn. PALMAE
ENGLISH NAME:- Betal Nut Palm. Hindi – Supari
PARTS-USED:- Root, Leaves, Seed.
DESCRIPTION: – A Slender tallpalm tree, 40-60 feet high, flowers in largespadix.
TASTE:-Acrid.
CHEMICAL CONSTITUENTS-Seeds Contain: Aflatoxins-B and G, Several alkaloids (Aracaidine, Arecoline, Guvacine, Isoguvacine), Phosphorus, Iron and many other Salts.
ACTIONS: Antimicrobe, Antifertility; Cooling, Astringent, Anthelmintic Stimulant.
USED IN:-Diarrhoea, Urine disorder, Smallpox, Veneral sores, Cholera, Syphilis, Dysentery, Fractured bone.