रांचीः हजारीबाग सीट पर हमेशा चेहरे बदलते रहे हैं। इस सीट पर कुल 17 बार मतदान हुए. इसमें 7 बार बीजेपी, 2 बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, 3 बार भारतीय कांग्रेस पार्टी, 2 बार छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी, 1 बार जनता पार्टी, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निर्दलीय ने जीत हासिल की है. 1957 में यह संसदीय क्षेत्र पहली बार अस्तित्व में आया। इस लोकसभा सीट में दो जिलों रामगढ़ और हजारीबाग के कुछ इलाकों को शामिल किया गया । हजारीबाग लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो यहां किसी भी पार्टी का कभी दबदबा नहीं रहा. इस सीट पर हमेशा बदलाव का दौरा चला. लेकिन सबसे ज्यादा यहां से बीजेपी ने जीत दर्ज की।
हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है हजारीबाग सीट हजारीबाग
झारखंड की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर पूर्व विदेश और वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा चुनाव लड़ते और जीतते रहे हैं. वहीं साल 2014 में पहली बार यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा इस सीट से चुनाव लड़े थे. मोदी सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था. वहीं 2019 में जयंत सिन्हा ने एक बार फिर जीत हासिल की थी. हालांकि जयंत सिन्हा ने खुद 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. इसके बाद बीजेपी ने मनीष जायसवाल को मैदान में उतारा है।
हजारीबाग में कब किसने जीत हासिल की
हजारीबाग की लोकसभा सीट कभी कांग्रेस के दबदबे की सीट रही ही नहीं। 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में इस लोकसभा सीट का नाम हजारीबाग वेस्ट था। यहां से रामनारायण सिंह छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी से जीत हासिल की थी. 1952 के लोकसभा चुनाव में रामनारायण सिंह को कुल 57 फीसदी वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर झानी राम थे, जो भारतीय कांग्रेस से चुनाव लड़े थे. इन्हें कुल 35.5 फीसदी वोट मिले थे. सोशलिस्ट पार्टी के शिव मंगल प्रसाद को 7.5 फीसदी वोट मिले थे।
1952 में दोबारा हुआ चुनाव
1952 में ही यहां दोबारा लोकसभा चुनाव हुए। 1952 में हुए इस चुनाव में इस लोकसभा सीट का नाम पलामू कम हजारीबाग कम रांची लोकसभा सीट रखा गया। इस बार यहां से कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की। यहां से जीतन खरवार ने जीत दर्ज की। कांग्रेस को कुल 38 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता पार्टी को 15.2, झारखंड पार्टी को 15 फीसदी और छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी को 11 फीसदी वोट मिले।
1957 में ललिता रजिया लक्ष्मी ने दर्ज की जीत
1957 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग सीट से एक बार फिर छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी की ललिता रजिया लक्ष्मी ने जीत दर्ज की. 1957 के चुनाव में छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी को 78 हजार वोट के साथ लगभग 67.7 फीसदी, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 24.01 फीसदी और झारखंड पार्टी को 8.2 फीसदी वोट मिले।
1962 में स्वतंत्र पार्टी ने जीत हासिल की
1962 में बसंत नारायण सिंह स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते उन्हें 66.82% वोट मिला वहीं दूसरे स्थान पर कांग्रेस के मोहम्मद अलाउद्दीन अंसारी रहे उन्हें 28.38% वोट मिला तीसरे स्थान पर इनामुल हकरा है झारखंड पार्टी के रहे उन्हें 4.180 वोट मिला।
1967 में निर्दलीय प्रत्याशी की हुई जीत
1967 के लोकसभा चुनाव में यहां से इंडिपेंडेंस प्रत्याशी बी सिंह ने दिए दर्ज की. इन्हें कुल 41.6 फीसदी वोट मिले. जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के डी पांडे को 31.8 फीसदी वोट मिले. भारतीय जनसंघ के खाते में 13.1 फीसदी वोट आए थे, जबकि कांग्रेस पार्टी ऑफ इंडिया को 6.6 फीसदी वोट मिले।
1971 में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत
1971 के चुनाव में हजारीबाग से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दामोदर पांडे विजयी हुए. इन्हें कुल 31.9 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता पार्टी यहां दूसरे स्थान पर रही. इन्हें 25.7 फीसदी वोट मिले. भारतीय जनसंघ 17.3 फीसदी वोट के साथ तीसरे स्थान पर थी।
1977 में भारतीय लोकदल ने दर्ज की जीत
1977 के लोकसभा चुनाव में यह सीट भारतीय लोकदल के खाते में चली गई. जहां पर कुमार बसंत नारायण सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इन्हें कुल 63 फीसदी वोट मिले थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दामोदर पांडे को महज 15.02 फीसदी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 12.1 फीसदी वोट मिले थे.
1980 में जनता पार्टी का परचम लहराया
1980 के लोकसभा चुनाव में यह सीट जनता पार्टी के हिस्से चली गई. कुंवर बसंत नारायण सिंह लोकदल से जनता पार्टी के हिस्सा बन गए. इन्हें कुल 34.2 फीसदी वोट मिले, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में 23.7 फीसदी वोट मिले थे. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 18.5 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता पार्टी को कुल 10 फीसदी वोट मिले थे।
1984 में कांग्रेस ने दर्ज की जीत
1984 के लोकसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. यहां से दामोदर पांडे विजय हुए. इन्हें कुल 46.4 फीसदी वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया रही, जिसे कुल 30.6 फीसदी वोट मिले. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था, लेकिन उन्हें सिर्फ 6.9 फीसदी वोट भारतीय जनता पार्टी को मिले थे, जबकि 4.8 फीसदी बोर्ड झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिले थे।
1989 में बीजेपी ने दर्ज की जीत
1989 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी को कुल 42.8 फीसदी वोट मिले. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 34.8 फ़ीसदी और इंडियन नेशनल कांग्रेस को 11.3 फीसदी वोट मिले।
1991 में सीपीआई के खाते में आई यह सीट
1991 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के खाते में चली गई. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को यहां 33.7 फीसदी वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी 28.5 की वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही. इसके अलावा 12.7 फीसदी वोट हासिल कर निर्दलीय प्रत्याशी टेकलाल महतो तीसरे स्थान पर थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चौथे स्थान पर चली गई।
1991 के उपचुनाव में सीपीआई ने फिर बाजी मारी
1991 के लोकसभा उप चुनाव में हजारीबाग की सीट फिर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के खाते में चली गई. 33.7 फीसदी वोट लेकर के इस सीट को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने जीता था, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 28.8 फीसदी वोट मिले थे।
1996 में फिर जीती बीजेपी
1996 की लोकसभा चुनाव में हजारीबाग की सीट भारतीय जनता पार्टी के महावीर लाल विश्वकर्मा ने जीते. इन्हें 27.7 फीसदी वोट मिले. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता को 26.4 फीसदी वोट और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 15.6 फीसदी वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चौथे स्थान पर चली गई. उसे सिर्फ 8.9 फीसदी वोट मिले।
1998 में बीजेपी से यशवंत सिन्हा ने दर्ज की जीत
1998 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से फिर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की. भारतीय जनता पार्टी के यशवंत सिन्हा ने इस इस सीट पर जीत दर्ज की थी. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया दूसरे स्थान पर रही. इन्हें कुल 22.7 फीसदी वोट मिले थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा मरांडी ग्रुप को 19.5 फीसदी वोट मिले. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और झारखंड मुक्ति मोर्चा इकाई के प्रतिशत में आ गए।
1999 में यशवंत सिन्हा ने फिर से दर्ज की जीत
1999 में हुए फिर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के यशवंत सिन्हा ने फिर से इस सीट पर जीत दर्ज की. यशवंत सिंह को कुल 47.3 फ़ीसदी वोट मिले थे. जबकि राष्ट्रीय जनता दल 16.2 फीसदी वोट मिले थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा 11.9 फ़ीसदी वोट के साथ तीसरे स्थान पर रही. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया 9.3 फीसदी मत प्राप्त कर सकी।
झारखंड बंटवारे के बाद सीपीआई के खाते में सीट
2004 में हुआ लोकसभा चुनाव झारखंड बंटवारे के बाद हजारीबाग सीट का पहला चुनाव था. जिसमें हजारीबाग झारखंड राज्य का लोकसभा सीट बन गया था. 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने यहां जीत दर्ज की. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 50.5 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी के यशवंत सिन्हा को 35.5 फ़ीसदी वोट मिले थे।
2009 में फिर जीती बीजेपी
2009 हजारीबाग लोकसभा चुनाव झारखंड बंटवारे के बाद का दूसरा लोकसभा चुनाव था. इस बार यहां से भारतीय जनता पार्टी के यशवंत सिन्हा विजय हुए. भारतीय जनता पार्टी को कुल 31.8 फीसदी जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 26 फीसदी वोट मिले थे. आजसू को 12.6 फीसदी और झारखंड मुक्ति मोर्चा 7.8 फीसदी वोट प्राप्त हुए।
2014 में दिखा मोदी का मैजिक
2014 का लोकसभा चुनाव मोदी लहर के असर पर लड़ा गया था और इस बार हजारीबाग लोकसभा सीट से 2009 के सांसद रहे. यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा चुनाव लड़े. जयंत सिंह को 2014 लोकसभा सीट में कुल 42.5 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यहां दूसरे स्थान पर थी. 25.6 फीसदी वोट कांग्रेस को मिले थे. तीसरे स्थान पर 16.01 फीसदी वोट लेकर के आजसू पार्टी थी।
2019 में जयंत सिन्हा ने दर्ज की जीत
बात 2019 लोकसभा की करें तो इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जयंत सिन्हा ने जीत दर्ज की थी. जिन्हें 67.4 फीसदी वोट मिले थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यहां दूसरे स्थान पर थी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया तीसरे स्थान पर थी।
कितने विधानसभा सीट और कौन विधायक
बरही- हज़ारीबाग़ उमाशंकर अकेला कांग्रेस
बड़कागांव- अंबा प्रसाद कांग्रेस
रामगढ़- सुनीता चौधरी आजसू
मांडू -जय प्रकाश भाई पटेल भाजपा अब कांग्रेस
हज़ारीबाग़- मनीष जयसवाल भाजपा
हजारीबाग में कितने मतदाता
कुल मतदाता – 19,18,791
महिला –9,31,769
पुरुष –9,86,991
ट्रांस जेंडर -31