वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर कई बड़े एलान किए हैं। दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने अफोर्डेबल हाउसिंग को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए आसान एक्सटर्नल कॉमर्शियल बॉरोइंग के दिशा निर्देश दिए। इसके अलावा अफोर्डेबल और मिडिल इनकम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए स्पेशल विंडो बनाने की बात कही।
अपनी घोषणाओं में उन्होंने अफोर्डेबल हाउसिंग पर आसान ECB गाइडलाइंस बनाने का भी एलान किया। इसके अलावा अफोर्डेबल मिडिल हाउसिंग के लिए फंड देने का भी एलान किया गया।
हाउसिंग सेक्टर को गति देने के लिए सरकार ने जो 10 हजार करोड़ रुपये के फंड 60 फीसद तक पूरे हो गए लटके प्रॉजेक्ट को देने की घोषणा की है। हालांकि इसमें शर्त है और वह यह है कि प्रोजेक्ट NPA और NCA नहीं होना चाहिए। वित्त मंत्री की इस घोषणा के बाद दिल्ली-एनसीआर में अपने घर का इतंजार कर रहे हजारों निवेशकों को इसका फायदा मिल सकता है।
घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसके लिए एक्सपर्ट लोगों को रखा जाएगा। जिससे लोगों को घर लेने में आसानी होगी और लोन भी आसानी से मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक इसके लिए बजट में कई कदम उठाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचा है। 45 लाख कीमत वाले घरों को अफोर्डेबल योजना में डालने का लाभ मिला है। क्षेत्र की कई कंपनियों ने इस स्कीम की तारीफ की है।
निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है। सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है। अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा. सीतारमण ने यह भी कहा कि माल एवं सेवाकर के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी।
इसे इस महीने के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है. उन्होंने कहा कि आरओडीटीईपी मौजूदा प्रोत्साहन योजनाओं का स्थान लेगी. इनके मुकाबले यह ज्यादा उचित तरीके से निर्यातकों को प्रोत्साहन देगी. मंत्री ने कहा कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है. हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है. सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं।
उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों की घोषणा के परिणाम दिखाई देने लगे हैं. उन्होंने कहा, कई एनबीएफसी को फायदा हुआ है. उन्होंने कहा कि गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले वह अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी।