धर्मशाला: भारतीय क्रिकेट टीम अपने नए मुख्य प्रायोजक बाइजूज का नाम अपनी जर्सी पर लेकर रविवार को पहली बार मैदान पर उतरेगी. वेस्टइंडीज दौरे तक भारतीय टीम ओप्पो के साथ खेल रहे थे. भारतीय टीम का सामना यहां के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के साथ पहले टी-20 मुकाबले में होगा. दोनों टीमों के बीच तीन टी-20 मैच खेले जाने हैं.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 25 जुलाई को शैक्षणिक तकनीक एवं ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाली कंपनी बाइजूज को भारतीय टीम का मुख्य प्रायोजक बनाए जाने की आधिकारिक पुष्टि की थी. इस बात का ऐलान उसी समय हो गया था कि बेंगलुरु स्थित यह कंपनी अब भारतीय टीम की जर्सी पर स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो का स्थान लेगी.
बाइजूज इस साल पांच सितंबर से 31 मार्च 2022 तक भारतीय टीम की आधिकारिक प्रायोजक रहेगी. ओप्पो ने मार्च 2017 में 1079 करोड़ रुपये में पांच साल के लिए (मार्च 2022 तक) भारतीय टीम के प्रायोजक का अधिकार हासिल किया था.
ओप्पो ने हालांकि इस करार को बीच में ही खत्म कर दिया और इस बीच बीसीसीआई ने 2022 तक के लिए बाइजूज को आनबोर्ड किया.
बीते 30 साल के लिमिटेड ओवर क्रिकेट में भारत को कई मुख्य प्रायोजक मिले, जिनके नाम अपनी जर्सी के आगे के हिस्से पर लेकर यह टीम मैदान में उतरी, अभ्यास सत्र में उतरी और यहां तक की प्रेस कांफ्रेंसेज में हिस्सा लिया.
इस दौरान भारतीय टीम के साथ विल्स (जो कि लगभग एक दशक तक मुख्य प्रायोजक रहा), सहारा (यह भी करीब एक दशक तक मुख्य प्रायोजक रहा), स्टार और ओप्पो मुख्य प्रायोजक के तौर पर जुड़े रहे.