ब्यूरो चीफ
झारखंड सरकार ने रांची के बाद अब हजारीबाग शहरी जलापूर्ति व्यवस्था और रख-रखाव का जिम्मा निजी हाथों में देने का फैसला लिया है. हजारीबाग शहरी इलाके में 1.50 लाख लोगों तक छड़वा डैम से पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. 30 लाख गैलन यानी 1.35 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति फिलहाल पेयजल और स्वच्छता विभाग की तरफ से की जा रही है.
जानकारी के अनुसार छड़वा डैम से शहर में होनेवाली आपूर्ति के लिए आठ जलमिनार स्थापित किये गये हैं. शहरी क्षेत्र में कुल 101,727 मीटर पाइपलाइन भी बिछायी गयी है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार 18 घंटे शहरी क्षेत्र में डैम से पीने के पानी की आपूर्ति होती है.
सरकार ने डैम से आपूर्ति होनेवाले पीने के पानी के लिए 8951 वैध कनेक्शन बताये हैं. 50 स्टैंड पोस्ट भी शहर में है, जहां निर्बाध रूप से पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. निजी कंपनी को डैम से होनेवाले पीने के पानी की आपूर्ति को लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का भी रख-रखाव करना होगा. निजी कंपनी को दो वर्षों के लिए यह काम दिया जा रहा है. सरकार का मानना है कि हजारीबाग शहरी जलापूर्ति व्यवस्था से 1.04 करोड़ रुपये के जल कर की उगाही प्रत्येक वर्ष होती है. सरकार को प्रति वर्ष 49,27,500 किलोलीटर पानी की आपूर्ति करनी पड़ती है.