ब्यूरो चीफ,
रांची: झारखंड सरकार ने एसिड अटैक पीड़ितों के ईलाज को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बातें कही हैं. स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने इस संबंध में निर्देश दिया है कि सभी अस्पताल (निजी और सरकारी) एसिड अटैक पीड़िता के इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें. उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय ने सोनाली मुखर्जी की रिट याचिका 2742 ऑफ 2019 में एसिड अटैक पीड़ितों के इलाज में तत्काल चिकित्सकीय सुविधाएं देने का आदेश दिया है.
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सभी अस्पतालों में प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद सामान्य होने तक बेहतर सुविधाओं से युक्त अस्पताल में भेजने की व्यवस्था करने को कहा गया है. यदि कोई सरकारी, गैर सरकारी, निजी, नर्सिंग होम एसिड अटैक पीड़ितों का इलाज नहीं करेगा, अथवा किसी अन्य कारण से इलाज करने में आनाकानी करेगा, तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बातें कही गयी हैं. ए
सिड पीड़ितों को आवश्यक बेड, दवा, भोजन, शल्य चिकित्सा की सुविधा देना भी अस्पताल प्रबंधन की विशेष जवाबदेही होगी. उन्होंने कहा है कि भादवि की धारा 367 (सी) के तहत ऐसा नहीं करनेवालों पर कार्रवाई होगी.