रांचीः कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी पार्टियों ने धारा 370 और 35 ए का विरोध किया. जबकि इसका हटना जम्मू कश्मीर के विकास के लिए बेहद जरूरी था. ऐसे दल राष्ट्रविरोधी तत्वों के साथ मिले हुए हैं. ऐसे दलों से सावधान रहने की जरूरत है. लोकसभा चुनाव में जिस तरह आप सभी ने कांग्रेस को सबक सिखाया, दुमका में भी झामुमो के शिबू सोरेन को नकारा, वैसे ही विधानसभा चुनाव में भी परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति करने वाले इन दलों का सफाया कर दें. उनके क्रियाकलापों से यह स्पष्ट है कि झारखंड को लूटने के लिए कांग्रेस, झामुमो तथा अन्य दलों का गठबंधन हुआ था. इन दलों ने वोट बैंक की राजनीति की. समाज को बांटने का काम किया. जिससे झारखंड का विकास पूरी तरह बाधित रहा. सीएम शुक्रवार को दुमका के शिकारीपाड़ा में जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के दूसरे दिन आयोजित जनसभा में बोल रहे थे.
ईमानदारी, समर्पण और सेवा के भाव से हो रहा है विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी की बदौलत 2014 में केंद्र व राज्य में भाजपा के नेतृत्व में स्थिर सरकार का निर्माण हुआ. पिछले पांच साल के दौरान डबल इंजन की सरकार की स्पष्ट नीति और नियत से हर क्षेत्र में तेजी विकास हुआ है और यह क्रम जारी है. आज पूरे देश में झारखंड की गिनती सबसे तेजी से विकास कर रहे राज्यों में हो रहा है. संथालपरगना की बात करें तो साहेबगंज जिले में मल्टी मॉडल टर्मिनल के निर्माण से जलमार्ग से कई राज्यों तथा देशों से संपर्क बना, व्यापार को बढ़ावा मिला और रोजगार का सृजन भी हुआ. देवघर में एम्स की स्थापना हुई. दुमका में मेडिकल कॉलेज खुला, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ. दुमका तथा देवघर में हवाई अड्डा का निर्माण, साहेबगंज में गंगा नदी पर हो रहे पुल का निर्माण संथालपरगना के विकास में बड़ा सहायक होगा.
हम सभी के विकास के पक्षधर, समाज, समुदाय व वर्ग के साथ कोई भेदभाव नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम आवास, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन योजना, आयुष्मान भारत योजना, तीर्थदर्शन योजना व अन्य योजनाओं का लाभ सभी समुदाय व वर्ग को मिल रहा है, लेकिन पिछली सरकारों की नीयत और नीति साफ नहीं थी. योजना के क्रियान्वयन में भेदभाव बरता जाता था. वोट बैंक की राजनीति की जाती थी. लोगों को बरगलाया जाता था. जिसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ा. वर्तमान सरकार में ऐसा नहीं है. गांवों में स्ट्रीट लाइट, पेबर ब्ल़ॉक की सड़कें, शुद्ध पीने का पानी, हर घर में बिजली कनेक्शन, पक्की सड़कें बनाई जा रही. ग्रामीण इलाकों में लघु, कुटीर और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने की पहल हो चुकी है. अब महिलाएं संपत्ति की मालकिन बन रहीं हैं. महिलाओं के नाम पर एक रुपए में अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री हो रही है. सखी मंडलों के माध्यम से महिलाओं का आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित किया जा रहा है.
हमने की आदिवासी कला-संस्कृति को अक्षुण्ण रखने की पहल
वर्तमान सरकार को आदिवासियों और उनकी कला संस्कृति की पहचान अक्षुण्ण रखने की चिंता है. दूसरे दलों ने इसे विखंडित करने का काम किया. संथाल के सभी सरकारी दफ्तरों में ओलचिकी लिपि में कार्यालय का नाम लिखा गया. संथाल के रेलवे स्टेशनों से संथाली भाषा में उद्घोषणा की जा रही है. ओलचिकी लिपि के जानकारों को शिक्षक के पदों पर नियुक्त किया गया ताकि संथाल समाज के बच्चे 1 से 5 तक की पढ़ाई अपनी मातृभाषा में कर सकें.