मुख्य बिंदु
- केंद्रीय करों से कम राशि मिलने के कारण वित्तीय स्थिति पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव
- रांची स्मार्ट सिटी के लिये मिले 4000 करोड़ की केंद्रीय सहायता
- झारखंड के लिये विशेष सिंचाई पैकेज पर हो विचार
नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2019-20 पर विचार और सुझाव के लिये सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में झारखंड की ओर से नगर विकास मंत्री सीपी सिंह शामिल हुये। उन्होंने झारखंड के सतत विकास के लिये कई सुझाव दिये और झारखंड की मांगों को भी रखा।
उन्होंने कहा कि झारखंड की राजधानी रांची में एक आइआइटी की स्थापना की स्वीकृति पर विचार किया जा सकता है। वहीं ़झारखंड की राजधानी रांची में स्मार्ट सिटी निर्माण प्रक्रियाधीन है।
पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ को रायपुर सिटी के निर्माण के लिये पर्याप्त केंद्रीय सहायता दी गई है। रांची र्स्माट सिटी के लिये आगामी बजट 2019-20 में 4000 करोड़ रूपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाय।
केंद्रांश का अनुपात लगातार हो रहा है कम
सीपी सिंह ने कहा कि विगत वर्षों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है।
कई योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रांश बंद कर दिया गया है, जिसके फलस्वरूप इन योजनाओं के दायित्वों का पूरा भार राज्य सरकार पर आ गया है।
ग्रांट इन एड में भी विगत वर्षों में कमी हुई है। केंद्रीय करों से प्राप्त होने वाली डेवोल्यूशन की राशि, जो वर्ष 2018-19 में प्रत्येक माह राज्य सरकार को 1,752 करोड़ रूपये प्राप्त हो रही थी, यह भी अब घटकर अप्रैल 2019 से मात्र 1,555 करोड़ रूपये ही प्राप्त हो रही है।
इससे राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आगामी बजट में इस राशि में बढोत्तरी की जाय।
एफबीआरएम एक्ट के तहत ऋण की सीमा बढ़ाई जाये
केंद्र सरकार से यह अपेक्षा है कि आधारभूत संरचना में सुधार के लिये और पठारी क्षेत्रों में भी इसके प्रसार के लिये एफबीआरएम एक्ट के तहत ऋण लेने की निर्धारित सीमा 3.5 प्रतिशत को बढ़ाकर 4.26 प्रतिशत किया जाये।
झारखंड के लिये जिन खनिजों पर रॉयल्टी एडवोलेरम के रूप में है उनकी दर को 20 प्रतिशत किया जाये। जिन खनिजों पर रॉयल्टी एडवोलेरम के रूप में नहीं है उन खनिजों में भी इसे रॉयल्टी एडवोलेरम करते हुए दर 20 प्रतिशत निर्धारित किया जाये।
विशेष सिंचाई पैकेज पर हो विचार
झारखंड के किसानों की आय दोगुनी करने व राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये राज्य में अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना आवश्यक है।
इसके लिये जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के समक्ष 10 नई वृहद सिंचाई योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसकी लागत 6800 करोड़ रूपये है। आगामी बजट में इस विशेष सिंचाई पैकेज पर विचार किया जाय।
रांची लखनऊ होते हुये रेल परिचालन किया जाये
रांची से लखनऊ होते हुए देहरादून तक रेल परिचालन किया जाय। साथ ही टाटा-जम्मूतवी एवं राउरकेला-जम्मूतवी के बीच दो नई ट्रेन,हटिया-भोपाल (भाया-राउरकेला, विलासपुर) के लिये नई ट्रेन, रांची से जयपुर व धनबाद से सूरत के बीच नई ट्रेनों का संचालन करना राज्य के लिये आवश्यक है। इस पर भी विचार किया जा सकता है।
नई रेल परियोजनाओं पर हो विचार
झारखंड के विकास के लिये नई रेल परियोजनाओं जैसे, नामकुम-कांड्रा नई रेल परियोजना, गिरिडीह-पारसनाथ-मधुवन नई रेल परियोजना और टोरी-चतरा नई रेल परियोजना का निर्माण कराया जाये।
साथ ही गुमला, सिमडेगा, खूंटी, गोड्डा, चतरा, सरायकेला-खरसावां आदि जिलों को भी रेल सेवा से जोड़ने पर विचार किया जाये। भारत माला परियोजना के तहत 790 किलोमीटर(साहेबगंज-दुमका-धनबाद-पुरूलिया-चांडिल-बहरागोड़ा-बालासोर-धमरा) सड़क निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा समर्पित किया गया है। इसके लिये वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने पर विचार किया जाये।