कजाकिस्तान में चल रहे विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भारत की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है. रविवार को गोल्ड मेडल की लिए मैट पर उतरने वाले दीपक पूनिया चोट के कारण अब फाइनल मुकाबला खेलने नहीं उतरेंगे. उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ेगा. दीपक को पहले दौर के मुकाबले में उनके बाएं पैर और आंख में चोट लगी थी. इसके कारण वह फाइनल मुकाबले में उतरने के लिए अयोग्य हो गए.
आज पूरी देश की निगाहें पहलवान दीपक पूनिया पर टिकी थी. दीपक पूनिया पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने उतरे और इतिहास रच दिया. 2016 में विश्व कैडेट का खिताब अपने नाम करने वाले पहलवान दीपक पूनिया ने कुछ दिनों पहले ही जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.
आज उनके पास इस साल का गोल्डन डबल करने का शानदार मौका था. हालांकी दीपक ने 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही ओलिंपिक कोटा भी हासिल कर लिया था. वह ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने वाले चौथे भारतीय पहलवान हैं.
सेमीफाइनल में पूनिया ने स्विट्जरलैंड के स्टेफन रिचमूथ को पटका और अब रविवार की शाम फाइनल में उनका मुकाबला ईरानी पहलवान हसन से होना था. इससे पहले, प्री-क्वॉर्टर फाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए तजाकिस्तान के बखोदुर कोदीरोव को 6-0 से पराजित किया था.
दीपक अगर आज गोल्ड जीतने में सफल हो जाते, तो वह सुशील कुमार के बाद विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बनते. साथ ही विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले सबसे युवा भारतीय पहलवान का तमगा भी उनके सिर पर सजता.