नई दिल्ली: जदयू के राज्यसभा सांसद और बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार महेंद्र प्रसाद एक अजब विवाद में फंस गए हैं. ‘राजा महेंद्र’ के नाम से मशहूर सात बार के सांसद के खिलाफ एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस महिला ने महेंद्र प्रसाद की कानूनन विवाहित पत्नी होने का दावा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन दोनों को चार सप्ताह के लिए अलग रहने का आदेश दिया गया था. हालांकि शीर्ष अदालत ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की. महिला की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि याची पिछले 45 साल से महेंद्र प्रसाद के साथ रह रही है. रोहतगी ने कहा कि सांसद की तरफ से महिला के साथ रहने की इच्छा जताने के बावजूद हाईकोर्ट ने इस मामले में पूरी तरह अवैध प्रक्रिया का पालन किया है.
महिला के वकील ने इसे ‘विलक्षण मामला’ बताया
हालांकि रोहतगी के तर्क पर जस्टिस भानुमति के साथ जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश राय की मौजूदगी वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता शायद पति और पत्नी की तरह लंबे समय से साथ रह रहे थे, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वे पति-पत्नी हैं. पीठ ने यह कहते हुए इस मामले में फिलहाल हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए महिला को दोबारा हाईकोर्ट से ही गुहार लगाने का आदेश दिया है.