पोल्यूशन, बिना निबंधन और डिसओबिडियेंस के दंज शुल्क में ही दी गई है रियायत
राज्य सरकार ने मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा प्रावधानित किए गए दंड शुल्क को राज्य के लिए दंड संशोधित करने की स्वीकृति दी. इसके तहत इंश्योरेंस फेल होने और बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने की दंड राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपए ही जुर्माना देना होगा. जबकि बना इंश्योरेंस के वाहन तलाने पर 4000 रुपए तक का जुर्माना देना होगा. परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि राज्य सरकार अपने अधिकार के तहत जहां जुर्माना राशि कम कर सकती थी, वहां पर कम किया गया है. हेलमेट नहीं पहनने पर तय जुर्माना में संशोधन का अधिकार राज्य सरकार को नहीं था, इसलिए इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका.
वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात की तो अब 1000 रुपए जुर्माना
वाहन चलाते समय अगर मोबाइल पर बात की तो अब 1000 रुपए जुर्माना देना होगा. पहले 5000 रुपए तक जुर्माना का प्रावधान था. इसी तरह डेंजरस ड्राइविंग के लिए 1000 से 5000 रुपए तक का प्रावधान था जिसे राज्य सरकार ने अब सिर्फ 1000 रुपए ही जुर्माना का प्रावधान रखा है. बिना निबंधन के वाहन पर 2000 से 5000 रुपए जुर्माना के प्रावधान की जगह अब सिर्फ 2000 रुपए ही दंड शुल्क निर्धारित किया गया है. पोल्यूशन के लिए 10 हजार रुपए की जगह 1000 रुपए दंड शुल्क का प्रावधान किया गया है. डिस ओबिडियेंस में 2000 रुपए तक का दंड शुल्क निर्धारित था, जिसे घटाकर 500 रुपए किया गया है.
75 फीसदी पदों पर महिला पर्यवेक्षिकाओं की होगी सीधी नियुक्ति
कैबिनेट में झारखंड बाल विकास अराजपत्रित कर्मचारी सेवा संवर्ग नियमावली 2019 को स्वीकृति दी गई. इसके तहत महिला पर्यवेक्षिकाओं के 75 फीसदी पदों पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. यह नियुक्ति झारखंड राज्य कर्माचारी चयन आयोग के जरीए होगी. 25 फीसदी पदों पर आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रोन्नति दी जाएगी. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के 25 फीसदी पद महिला पर्यवेक्षिकाओं से ही भरा जाएगा.