इस अभियान को अब लगातार जारी रखा जाएगा. पाकिस्तान से सटी सीमा पर सेना और बीएसएफ की चौकियों पर तैनात जवानों को ज्यादा सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. ड्रोन से हथियारों की सप्लाई की आशंका के बीच पूरे सुरक्षा तंत्र ने जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी को बेहद कड़ा कर दिया है.
एंटी टनल अभियान के तहत बीएसएफ ने आधुनिक हथियारों और उपकरणों के साथ फेंसिंग के नजदीक उगी घनी झाड़ियों को साफ किया. थ्री टायर फेंसिंग के साथ लगने वाले स्थानों के आसपास पूरी तरह से सफाई की जाएगी. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान टनल से घुसपैठ कराने की कोशिश कर सकता है. इसी को देखते हुए ऑपरेशन लांच किया गया है.
कठुआ बॉर्डर से जम्मू बॉर्डर तक यह ऑपरेशन चल रहा है. बताया जा रहा है कि आरएस पुरा बॉर्डर पर पाकिस्तानी घुसपैठिया पकड़े जाने के बाद से एंटी टनल अभियान चलाया गया है. लेकिन अब इसे तेज कर दिया गया है.
बीएसएफ ने अपने ग्राउंड सेंसर को भी सक्रिय कर दिया है. इसी साल जुलाई में बीएसएफ ने पंजाब और जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के साथ मिलकर बॉर्डर पर अभियान शुरू किया था. वहीं सेना और बीएसएफ ने एलओसी और बॉर्डर पर रेड अलर्ट घोषित किया है.
कुपवाड़ा, राजोरी, कठुआ, बारामुला, पुंछ, सांबा और जम्मू जिलों की एलओसी और बॉर्डर पर कड़ी चौकसी के लिए कहा गया है. सीमा पार से ड्रोन के इस्तेमाल की आशंका पर पैनी नजर रखने को कहा गया है.
पाकिस्तान ने आतंकियों को बॉर्डर से घुसपैठ कराने के लिए छह बार टनल खोदने की हरकत की है. 2012 के बाद से ये टनल खोदी गईं हैं. कुछ दिन पहले ही सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने बालाकोट में आतंकी कैंप के दोबार सक्रिय होने की बात कही थी. सीमा पार से 500 आतंकियों को घुसपैठ के लिए तैयार करने की बात कही गई थी.