ब्यूरो चीफ,
रांचीः झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के पदधारियों की मेहरबानी से कई करोड़पति बन गये. ऐसे एक शख्श हैं जिन पर पर जेएससीए के एक बड़े अधिकारी सबसे अधिक मेहरबान रहे हैं. इनके बारे में बताया जाता है कि रांची के तत्कालीन वरीय पुलिस अधीक्षक के ये बॉडी गार्ड रह चुके हैं. जेएससीए से जुड़ने के बाद इन्होंने भी पुलिस महकमे से अपना इस्तीफा दे दिया. इसके बाद अपने बॉस की खातिरदारी से इन पर रहमतों की बारिश हो गयी. जेएससीए परिसर में ही इन्हें समग्र रेस्तरां चलाने का मौका भी मिल गया. समग्र इंटरप्राइजेज नामक कंपनी में पत्नी, भाई, और भाई की पत्नी के नाम से निबंधन भी कराया. परिवार के संतोष, शैलेंद्र और राजीव को जेएससीए का सदस्य भी नामित किया गया है. जेएससीए ग्राउंड के 22 यार्ड की बुकिंग भी इनके द्वारा ही की जाती है. शादी-विवाह, पार्टी, स्कूलों का वार्षिक उत्सव की बुकिंग भी ये नियमित रूप से करते रहते हैं. इसके अलावा संपत्ति की खरीद में इन्हें भी गवाह बनाया जाता रहा है.
जेएससीए में रहते हुए कई संपत्तियां बनायी
इस शख्स ने जेएससीए में रहते हुए कई संपत्तियां भी बनायी. मोरहाबादी के एदलहातू में आलीशान मकान के अलावा रामगढ़, पटना, वैशाली में भी करोड़ों रुपये की जमीन खरीदे और पेशे की जगह सरकारी नौकरी की बजाय व्यवसाय अंकित कर दिया. जेएससीए के पदाधिकारियों के वरदहस्त से इन पर कोई अंगूली भी नहीं उठाता है. यहां यह बताते चलें कि इन रसूखदारों के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा तत्कालीन खेल निदेशक को 30.6.2015 को जांच के आदेश भी दिये गये थे. उसके बाद से आज तक कभी जांच आगे ही नहीं बढ़ी.
स्टेडियम के व्यावसायिक उपयोग की सभी जवाबदेही इनके कंधे पर
जेएससीए स्टेडियम के सभी व्यावसायिक उपयोग की जवाबदेही भी उसी शख्स पर है. उनके दो भाई भी इस कार्य में उनका हाथ बंटाते हैं. इनकी कंपनी को जेएससीए की तरफ से कई आयोजनों के लिए अग्रिम का भुगतान भी किया जाता है. स्टेडियम परिसर में कंट्री क्रिकेट क्लब का निबंधन 7.1.2012 को कराया गया. इसमें जेएससीए के आठ आजीवन सदस्यों को कंट्री क्लब का मेंबर बना दिया गया. इसमें जेएससीए के उपाध्यक्ष, सचिव के अलावा पूर्व कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष और अन्य बड़े ओहदेदार शामिल हैं.