बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता कल्याण सिंह लखनऊ की विशेष अदालत में पेश हुए। अदालत ने कल्याण सिंह को 2 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है. कल्याण सिंह के खिलाफ इस मामले में कई धाराओं में आरोप भी तय कर दिए गए हैं. इस मामले में सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर रोजाना सुनवाई हो रही है.
आपको बता दें कि कल्याण सिंह पर बाबरी विध्वंस मामले में धारा 149 नहीं लगाई गई है, जबकि जो धाराएं लगी हैं उनमें 153a, 153b, 295, 295a, 505 IPC शामिल हैं. कल्याण सिंह पर आपराधिक साजिश, दो समुदाय में वैमनस्य फैलाने समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय हुए हैं. उनपर धारा 149 के तहत मुकदमा इसलिए नहीं चलेगा क्योंकि वह घटना के वक्त वहां पर मौजूद नहीं थे.
जब शुक्रवार को कल्याण सिंह से राम मंदिर निर्माण पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपनी मंशा अदालत में ही बताएंगे. आपको बता दें कि इस मामले में BJP के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी आरोपी हैं.
कल्याण सिंह अभी तक राजस्थान के राज्यपाल थे इसी वजह से उन्हें अनुच्छेद 361 के तहत पेशी से छूट मिली हुई थी. लेकिन अब वह राज्यपाल नहीं हैं, बीते दिनों उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है.
गौरतलब है कि CBI की याचिका पर SC ने 2017 को केस दर्ज करने का आदेश दिया था. जिसमें कल्याण सिंह के अलावा BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास समेत कई अन्य को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी, इन सभी को इस मामले में जमानत मिली हुई है.
6 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराया गया था, उस समय कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. कल्याण सिंह पर आरोप था कि उन्होंने वादा किया था कि वह बाबरी मस्जिद के ढांचे को नुकसान नहीं होने देंगे, लेकिन कारसेवकों ने इसके बावजूद मस्जिद को गिरा दिया था. इस घटना के बाद कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था.