यूपी में भारी बारिश के कहर से 24 घंटों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ है. ज्यादातर मौतें बारिश के कारण घर गिरने से हुई है. इनमें सबसे ज़्यादा मौतें अमेठी और प्रतापगढ़ में हुई है. अमेठी में 7 और प्रतापगढ़ में 6 मौतें हुईं. जबकि चंदौली, वाराणसी और आज़मगढ़ में चार-चार लोगों की मौत हुई है. पूरे प्रदेश में हज़ारों की तादाद में घर गिरे और पेड़ टूट गए हैं. चौबीस घंटे में पांच लोग बारिश में निकले सांपों के काटने से मर गए.
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने प्रदेश के 18 जिलों चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र, चंदौली, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, संत कबीरनगर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, गाजीपुर, जौनपुर, आज़मगढ़, बलिया, मऊ, देवरिया, गोरखपुर और अम्बेडकर नगर के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. राहत आयुक्त ने इन सभी जिलों के जिलाधिकारियों को भारी बारिश से होने वाले नुकसान की हालत में अलर्ट रहने को कहा है.
प्रदेश की ज़्यादातर नदियां उफान पर है. गाजीपुर और बलिया में गंगा, लखीमपुरखीरी में शारदा और बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान को पार कर गई है. शहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर जलभराव है और सड़कें टूट गई हैं, जिससे यातायात पर बुरा असर पड़ा है. लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में नर्सरी से लेकर इंटर कालेज बंद कर दिए गए हैं.
पूरे प्रदेश में लाखों हेक्टेयर फ़सल ख़राब होने का अंदेशा है. खासकर के दलहन की फ़सलों को ज़्यादा नुक़सान हुआ है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश के क़हर से मरने वालों के परिवार को चार-चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता चौबीस घंटे के अंदर पहुंचाने का आदेश दिया है.