कोयलांचल: धनबाद में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का अब साइड इफेक्ट भी दिखने लगा है.धनबाद के झरिया स्थित लिलोरीपथरा के समीप और घनुडीह गांधी चबूतरा के पास शनिवार की सुबह तेज आवाज के साथ गोफ हो गया. जिससे वहाँ स्थित दो घर धस गए जबकि दर्जनों घरों में दरार पड़ गए. इतना ही नहीं गोफ से हो रहे जहरीले गैस के रिसाव से पूरा इलाका मानों धुंए में कही खो सा गया.
हमेशा ही बना रहता भू-धसान का खतरा
जानकारी के अनुसार इस इलाके में करीब ढाई सौ घर है जो आग के ऊपर तपती भूमि के ऊपर वर्षो से रहने को मजबूर है. जिससे इनके ऊपर भू-धसान का खतरा हमेसा ही बना रहता है. बारिश के मौसम में ये खतरा तो और भी बढ़ जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वो आज सुबह मूसलाधार बारिश हो रही थी. तभी तेज आवाज के साथ जमीन धसने लगी. यहाँ के घर जमीनदोज होने लगे, घरों में दरारें पड़ने लगी. लोग अपने-अपने घरों को छोड़ जान बचा कर बाहर भागने लगे. लोगों की माने तो इस भू-धसान में यहाँ स्थित दो घर पूरी तरह ध्वस्त हो चुके है जबकि कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. इतना ही नहीं दर्जनों घरों में खतरनाक ढंग से दरारें भी आ गई है. जिससे उन घरों में रहना सीधे मौत को निमंत्रण देने जैसा है.
जहरीले गैस की वजह से ठीक से सांस लेना भी हुआ मुश्किल
लोगों ने बताया कि वो जान बचा कर घर से तो बाहर आ गए लेकिन यहाँ बनी गोफ से लगातार निकलते गैस ने उनका बाहर रहने भी दूभर कर दिया है. इस जहरीले गैस की वजह से लोग ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे है. वहीं इस मूसलाधार बारिश में उनका न तो कोई ठिकाना बचा है और न ही कही सर छिपाने की जगह. अब उनके पास घर का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर काफी देर तक यहाँ आंदोलन भी किया लेकिन इससे कुछ फायदा होता फिलहाल नहीं दिख रहा है.
अंचल अधिकारी ने शुरू किया राहत कार्य
वहीं बताया जा रहा है कि कुछ स्थानीय नेताओं के द्वारा सूचना देने पर इस भू-धसान की सूचना पर झरिया अंचल अधिकारी राजेश कुमार ने वहाँ राहत कार्य शुरू करा दिया है. बता दें कि जिला प्रशासन ने विस्थापन नीति के तहत यहाँ स्थित ढाई सौ घरों में से 70 घरों का सर्वे कर चुकी है. इनमें से कुछ को बेलगाड़िया स्थित टाउनशिप में आवास भी मुहैया कराया गया है लेकिन वहां रोजगार और अन्य सुविधा नहीं होने की वजह से लोग वहाँ जाने को तैयार नहीं है. जिससे स्थिति और भी गंभीर होता जा रहा है.