312 राज्य प्रशासनिक सेवा के भी अफसर बदले गए, टीए के रूप में खर्च हुआ लगभग 93 लाख रुपए
रांचीः एक तरफ झारखंड सरकार पर कर्ज का बोझ, दूसरी तरफ अफसरों के तबादलों से भी आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। झारखंड सरकार पर बजट के बराबर 85234 करोड़ का कर्ज है। वहीं जनवरी से लेकर 30 सितंबर तक हुए तबादलों के कारण लगभग 1.08 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ भी हो गया है। राज्य सरकार ने इन 270 दिनों के अंदर 31आइएएस के साथ 312 राज्य़ सेवा के अफसरों का अंतर जिला ट्रांसफर किया है।
ऐसे समझें तबादले पर खर्च का गणित
तबादला पर अफसरों को बेसिक सैलरी के बराबर टीए और समान ले जाने का खर्च मिलता है। अब तक बिहार सरकार के टीए अनुदान को ही फॉलो किया जा रहा है। हालांकि 20 किलोमीटर के अंदर तबादले पर कोई खर्च नहीं मिलता है। अगर एक IAS और IPS का अंतर जिला ट्रांसफर होता है, तो टीए और समान ले जाने के खर्च के रूप में लगभग 50 हजार रुपये मिलते हैं. समान ले जाने के लिये प्रति किलोमीटर 30 से 35 रुपये देने का प्रावधान है.
राज्य सेवा के अफसरों के लिए ऐसा है प्रावधान
राज्य के अफसर एसडीओ व डीडीसी रैंक के अफसरों को टीए और समान ले जाने के लिये लगभग 40 हजार रुपये मिलते हैं. राज्य सेवा से एसडीओ बने अफसर ज्वाइंट सेक्रेट्री रैंक के अफसर होते हैं. वहीं राज्य सेवा के अन्य अफसरों को टीए और समान ले जाने के लिये लगभग 30 हजार रुपये मिलते हैं.
आइएएस और राज्य सेवा के अफसरों के तबादलों पर कितना खर्च
आइएएस के 31 अफसरों का तबादला अंतर जिला किया गया है। इस पर टीए के रूप में लगभग 15 लाख रुपए खर्च हुए। जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा के 312 अफसरों के अंतर जिला ट्रांसफर पर लगभग 93 लाख रुपए खर्च किए गए.
नौ महीने में तीन आइएएस का तीन बार तबादला
तीन आइएएस अफसरों का नौ माह के अंदर तीन बार तबादला किया गया। 2006 बैच की आइएएस विप्रा भाल को नौ जनवरी को श्रमायुक्त से बदल कर ग्रामीण विकास विभाग का विशेष सचिव बनाया गया। फिर 18 जनवरी को उन्हें बदल कर सीएमओ में विशेष सचिव बनाया गया। फिर 31 जनवरी को सीएमओ से बदल कर उन्हें सिमडेगा डीसी बनाया गया। इसी तरह राज्य सेवा के आइएएस संवर्ग में प्रोन्नति पाए राजेश कुमार पाठक को स्वास्थ्य विभाग से हटाकर गिरडीह डीसी बनाया गया। फिर वहां से हटा कर कृषि विभाग में विशेष सचिव बनाया गया। इसी तरह शैलेश चौरसिया को 31 जनवरी को अपर सचिव स्कूली शिक्षा बनाया गया। फिर से उन्हें बोकारो डीसी बनाया गया। 29 मार्च को बोकारो डीसी से हटाकर कार्मिक में योगदान देने को कहा गया। फिर उन्हें छह अगस्त को अभियान निदेशक एनएचआरएम की जिम्मेवारी सौंपी गई.
क्या कहता है सिविल सर्विसेस गाइडलाइन
सिविव सर्विसेस गाइडलाइन के अनुसार नियम यह है कि किसी अफसर को दो साल के पदस्थापन के बाद ही तबादला किया जा सकता है. लेकिन नियम में यह भी है कि विशेष परिस्थिति में राज्य सरकार तबादला कर सकती है.
तबादलों से क्या होती है परेशानी
• तबादले के कारण नये कामकाज को समझने में एक से डेढ़ माह का समय लगता है.
• संबंधित विभाग की नियमावली की जानकारी लेनी पड़ती है.
• अगर कोई महत्वपूर्ण केस चल रहा है तो उसे समझना पड़ता है.
• मैनपावर और योग्य कर्मियों को समझने में लगभग एक माह का समय लगता है.
• पुराने अफसर व सचिव के द्वारा लिए गये निर्णय और फाइलें देखने और समझने में समय लगता है.
• महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कठिनाई होती है.
किस दिन कितने IAS बदलेः
9 जनवरी : 05
18 जनवरी : 01
27 फरवरी : 01
29 मार्च : 02
22 जनवरी : 01
31 जनवरी : 06
31 मार्च : 02
5 अप्रैल : 01
18 फरवरी : 04
25 जुलाई : 07
28 जून : 15
6 अगस्त : 01
19 अगस्त : 15
30 अगस्त 06
किस दिन कितने आइएएस का हुआ अंतर जिला ट्रांसफर
नौ जनवरीः 02
31 जनवरीः 06
18 फरवरीः 02
29 मार्चः 02
25 जुलाईः 04
छह अगस्तः 01
19 अगस्तः 11
30 सितंबरः 03