रांची: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर धुर्वा रांची परिसर में शिशु विकास मंदिर समिति धुर्वा रांची द्वारा सेवा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्म भूषण कड़िया मुंडा ने किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में झारखंड मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी मौजूद थे.
मुख्य अतिथि डॉ डीके तिवारी ने कहा कि समाज के प्रत्येक बच्चों को भारतीय संस्कृति एवं भारतीय भाषा एवं राष्ट्र के प्रति समर्पित होने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है. जब हम आवश्यकता से अधिक वस्तुओं का उपयोग करने या संग्रह करने लगते हैं तो कूड़े का निर्माण शुरू हो जाता है. उपभोक्तावादी समाज में प्लास्टिक पदार्थों का निष्पादन एक चुनौती है. हमारा समाज प्रकृति का पुजारी रहा है. हमें संस्कृति के साथ सादगी में विश्वास रखना चाहिए प्राकृतिक पूजक कभी भी प्रकृति की उपेक्षा नहीं कर सकते. हमें बच्चों को संकल्पित करना होगा कि चीजों को बर्बाद ना करें, ऊर्जा का संरक्षण करें, भोजन को सम्मान दें, व्यर्थ ना करें उन्होंने कहा कि समाज के सभी महापुरुषों का जीवन काफी सादगी भरा रहा है. हम महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं. आज हमें वसुधैव कुटुम्बकम् के मंत्र पर चलकर अपने तन-मन को स्वस्थ रखते हुए अपनी संस्कृति को देश का आदर्श बनाना है.
कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने अपने वक्तव्य में कहा कि व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं होता, व्यक्ति सिर्फ व्यक्ति होता है. हम अपने सामाजिक वातावरण को सुंदर स्वच्छ बनाने का संकल्प लें. संस्कृत भाषा के उन्नयन से ही देश का विकास होगा. सिर्फ अंग्रेजी बोलने से देश का भला होगा ऐसा नहीं है. इस सोच को बदलने की आवश्यकता है छोटे से कण में भी बड़े कणों का सभी गुण समाहित होता है. परमाणु इसका एक उदाहरण है.अतः हमें सभी छोटे बड़ों का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति को अपनाने पर जोर दिया एवं कहा कि यह एक वैज्ञानिक भाषा है जिसका आज के कंप्यूटर के दौर में भी उपयोग किया जा सकता है हमें देश के प्रति सकारात्मक सोच रखनी चाहिए बाजार वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए.