दशहरा के अवसर पर जब भारतीय वायुसेना अपनी स्थापना दिवस के समारोह में व्यस्त होगी. तब फ्रांस में आयोजित एक भव्य समारोह में सिंह की मौजूदगी में फ्रांस भारत को पहला राफेल विमान सौंपेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल विमान लेने के बाद फ्रांसीसी सरकार के अधिकारियों के साथ रक्षा अन्य सहयोग पर बैठक भी करेंगे। नौ अक्तूबर को राजनाथ सिंह अपने समकक्ष के साथ बैठक करेंगे.
साल 2016 में भारतीय वायुसेना को तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिलने के बाद यह पहला बड़ा मौका होगा जब वायुसेना के बेड़े में कोई नया लड़ाकू विमान शामिल किया जा रहा है.
राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ा देगा. यह हवाई क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगा. राफेल पाकिस्तान और चीन से होने वाले हवाई हमलों के खतरे को रोकने और उसे काउंटर करने में काफी मददगार साबित होगा. गौरतलब है कि सॉफ्टवेयर प्रामाणिकता की वजह से सभी 36 जेट्स अक्टूबर 2022 तक ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो पाएंगे. भारत राफेल जेट के लिए अब तक साल 2016 के समझौते के तहत 34,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है.