हजारीबाग: कोरा थाना अंतर्गत पतरातू चौक प्रस्थापित एसआईएस सिक्योरिटी गार्ड ऑफिस में 10 लाख गबन के आरोप में शनिवार को 2 सुपरवाइजर को बंदी बनाकर मारपीट की. मौके पर कोरा पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड ऑफिस पहुंचकर दोनो बंदी सुपरवाइजर को मुक्त कराया. घटना के संबंध में बंदी सुपरवाइजर का पिता अमरदीप गुप्ता ने बताया कि 1 साल से युवक वहां काम कर रहा है. सिक्योरिटी गार्ड ऑफिस के द्वारा फोन पर सूचना दी गई कि आपका बेटा 10 लाख गबन किया है. जब मैं ऑफिस आया तो देखा कि वो दोनों को कमरे में बंद करके कुछ लोग पिटाई कर रहे है. तब वो इसकी सूचना कोरा थाना को दिए.
मौके पर कोरा थाना घटनास्थल पर पहुंचकर दोनों बंदी सुपरवाइजर को थाना ले गयी. वहीं सिटी गार्ड ऑफिस के चार कर्मियों को भी थाने ले जाया गया. सिक्योरिटी गार्ड के मेनेजर पवन पाठक ने बताया कि 1 अक्टूबर को 90 लाख स्टेट बैंक के एटीएम में डालने के लिए 6 लोगों को दी गई थी. जिसमें चार एटीएम में पैसा 80 लाख डालन के दौरान रोहित कुमार गुप्ता नरेश ठाकुर को बीट पर 10 लाख कम हो गया था, लेकिन कम होने के बावजूद इन्हें 2 दिनों की हिसाब किताब करने का मौका दिया गया. उसके बावजूद भी यह दोनों सुपरवाइजर हिसाब नहीं दे पाए. जबकि ऑफिस से इन्हें 90 लाख गिनवा कर दिया गया था. जिसकी पूछताछ के लिए दोनों युवक को सिटी गार्ड ऑफिस में बैठा कर पूछा जा रहा था. इसकी सूचना रोहित को पिता को भी दी गई थी.
वहीं इस संबंध में भूतभोगी सुपरवाइजर ने बताया कि पैसा दी गई थी पर 10 लाख कम हो गया, जिसके बाद सिक्योरिटी ऑफिस के मेनेजर के द्वारा बंदी बनाकर पूछताछ की जा रही थी और मेनेजर ने पूछताछ के दौरान लाठी से पीटने लगा और कमरा में बंद कर छोड़ दिया. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस के सहयोग से मुक्त करवाया. वहीं 10 लाख के विषय में हमें कोई जानकारी नहीं है. घटना के संबंध में कोरा थाना प्रभारी अरविंद सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों के तरफ से झूठा आरोप लगाया गया था. खबर लिखे जाने तक दोनों पक्षों में से कोई भी आवेदन नहीं दिया है.