ओडिशा: ओडिशा के बारीपाड़ा में एंबुलेंस से एक गर्भवती महिला को सरकारी अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में ही एंबुलेंस का तेल खत्म हो गया, जिसके चलते महिला की मौत हो गई. इस घटना ने लचर प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात हांडा गांव के चित्तरंजन मुंडा की पत्नी तुलसी मुंडा को प्रसव पीड़ा हुई थी, जिसके बाद उनको बांगिरीपोशी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया था. महिला की हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने उनको पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीआरएमएमसीएच) रेफर कर दिया था.
इसके बाद शुक्रवार रात गर्भवती महिला को लेकर एंबुलेंस बारीपाड़ा स्थित पीआरएमएमसीएच के लिए रवाना हुई. जब एंबुलेंस महिला को लेकर पीआरएमएमसीएच जा रही थी, तभी कथित तौर पर उसका ईंधन खत्म हो गया. बताया जा रहा है कि एंबुलेंस का ईंधन बारीपाड़ा कस्बे के बाहरी इलाके में खत्म हुआ. इसके चलते गर्भवती महिला को बीच रास्ते में 45 मिनट तक रोककर रखा गया.
समाचार एजेंसी के मुताबिक 45 मिनट के इंतजार के बाद एक और एंबुलेंस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक महिला की मौत हो गई. मृतक महिला के पति चित्तरंजन मुंडा ने बताया कि एंबुलेंस का ईंधन रास्ते में खत्म हो गया था. इसके बाद आशा कार्यकर्ता ने दूसरी एंबुलेंस के लिए फोन किया. तब तक लगभग एक घंटा बीत चुका था. जब हम अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने मेरी पत्नी को मृत घोषित कर दिया.