मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले सूबे में बयानबाजी का दौर चरम पर है. इसी के चलते वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सरकार से पूछा कि यदि वे उन्हें पाकिस्तान का समर्थक कहते हैं तो फिर उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से क्यों नवाजा गया. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में अपनी महाराष्ट्र यात्रा के दौरान पवार को निशाना बनाया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा क्या है जो पवार को पाकिस्तान का सत्कार इतना पसंद आता है?
‘सही जानकारी क्यों नहीं मिली’
शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिष्ठा को बनाए रखने में सफल नहीं हो सके हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक संस्था जैसा होता है. संस्था के पास जानकारी प्राप्त करने के कई जरिए होते हैं, मुझे खुशी होती यदि वे मेरी पूरी बात को सुनने के बाद अपना बयान देते. लेकिन, अब मैं क्या कहूं, उन्होंने बिना पर्याप्त और सही जानकारी के बयान दिया है. इसके साथ ही यदि वह यह सोचते हैं कि मेरी ज्यादा रुचि पाकिस्तान में है और खुद के देश में नहीं तो उन्हीं की सरकार ने मुझे पद्म विभूषण से क्यों सम्मानित किया? पवार ने कहा की यह सम्मान देने का सीधा अर्थ है कि मैंने देशहित में कोई काम किया है, लेकिन दूसरी ही तरफ यह कहा जाता है कि मेरी रुचि पाकिस्तान में है. इस तरह की द्विअर्थी व्यवहार उस व्यक्ति को जो देश के सर्वोच्च पदों में से एक पर है, सही नहीं लगता.
‘बंद दरवाजे में जो बोला वो सुना नहीं’
जब पवार से पाकिस्तान संबंधी उनके बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी की एक बैठक में बातचीत कर रहे थे. उस बंद कमरे में पाकिस्तान के समर्थन में या भारत विरोधी कोई बात नहीं हुई. एनसीपी अध्यक्ष ने बताया कि उस दौरान मैंने कहा था कि पाकिस्तानी सरकार और आर्मी भारत विरोधी अपने फायदे के लिए हो रही है. इसका मुख्य कारण है कि उनकी रुची ऐसी ही बातों में है. लेकिन, जब मैं लोगों से मिला तो उनके मन में चिंताएं थीं. ऐसे में नेताओं के मसले आम लोगों से अलग होते हैं. मैंने कहा था कि कुछ नेता भारत विरोधी माहौल बना रहे हैं. इसमें पाकिस्तान के समर्थन में क्या था मुझे बताया जाए.