नई दिल्ली: प्रतिबंधित हथियारों की खरीद-बेच के अवैध रूप से चल रहे बड़े कारोबार पर सरकार ने चोट करने की तैयारी कर ली है. जल्द ही प्रतिबंधित हथियार के साथ पकड़े जाने वाले को दोष सिद्ध होने पर अपनी पूरी उम्र जेल की सलाखों के पीछे बितानी पड़ेगी. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने करीब छह दशक पहले लागू किए गए आर्म्स एक्ट-1959 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना प्रतिबंधित या अवैध हथियार के साथ पकड़े जाने पर आर्म्स एक्ट के तहत मिलने वाली सजा को भी दोगुना करने की है.
संशोधित आर्म्स एक्ट के ड्राफ्ट में हथियारों की अवैध सप्लाई, हथियारों व उनके उपकरणों की निर्माणकर्ता से उपयोगकर्ता तक की ट्रैकिंग, संगठित अपराध, संगठित अपराध सिंडिकेट और शादी-ब्याह में होने वाली सेलीब्रेेटी फायरिंग आदि को भी अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है और इनके लिए सजा का प्रावधान रखा गया है.
अधिकारी ने बताया कि संशोधित विधेयक पर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और मणिपुर के गृह सचिवों और पुलिस महानिदेशकों से राय ली जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को आगामी शीत सत्र में संसद में पेश करेगी. हालांकि कुछ प्रावधानों पर और चर्चा की मांग को देखते हुए इसे अगले बजट सत्र तक भी टाला जा सकता है.