नई दिल्ली: महाराष्ट्र और हरियाणा में कश्मीर से 370 हटने के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और बीजेपी यहां अपने इस साहसिक कदम का प्रमुखता से बखान कर रही है. यह मुद्दा बीजेपी का सबसे बड़ा चुनावी हथियार बन गया है, जबकि 370 हटाने का विरोध करने वाली कांग्रेस के लिए बीजेपी का यह ब्रह्मास्त्र चुनाव का सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होता दिखाई दे रहा है.
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाकर मोदी सरकार देश के सामने यह बात रख रही है कि जिस विषय पर अबतक की सरकारें कदम उठाने से बचती रही हैं, उस पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने निर्णय लिया है. यह मुद्दा बीजेपी का सबसे बड़ा चुनावी हथियार बन गया है, जबकि 370 हटाने का विरोध करने वाली कांग्रेस के लिए बीजेपी का यह ब्रह्मास्त्र चुनाव का सबसे बड़ा सिरदर्द साबित होता दिखाई दे रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में इस मसले पर कांग्रेस की चिंता को और बढ़ा दिया है. पीएम मोदी ने जनसभा से कांग्रेस समेत 370 हटाने का विरोध करने वाले सभी दलों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनके अंदर हिम्मत है तो वे अपने घोषणा-पत्रों में इस बात को शामिल करें कि धारा 370 को वापस लाया जाएगा. पीएम मोदी की यह चुनौती महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का सबब मानी जा रही है. 370 पर कांग्रेस की चिंता उसके नेताओं के बयानों में दिखाई दे रही है.
हाल ही में हरियाणा बीजेपी की कमान संभालने वालीं कुमारी शैलजा ने 370 के सवाल को भी हरियाणा पर केंद्रित कर दिया है. शैलजा ने राज्य की बात करते हुए कहा कि बीजेपी ने 150 वादे किए थे, लेकिन पिछले पांच सालों में उसने एक भी वादा पूरा नहीं किया है. शैलजा का मानना है कि बीजेपी राज्य में अपने अधूरे वादों के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एनआरसी और अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों को उठा रही है.
सरकार 370 और चांद की बात करती है, लेकिन समस्याओं पर खामोश – राहुल गांधी
इतना ही नहीं, कांग्रेस लगातार स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है. जबकि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र और हरियाणा दोनों राज्यों में जाकर उनके नेताओं से धारा 370 पर स्टैंड पूछ रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपनी लगभग सभी रैलियों में यह मुद्दा उठा रहे हैं और कांग्रेस नेताओं के नाम लेकर इस पर उनकी पार्टी का स्टैंड पूछ रहे हैं. बावजूद इसके कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है.
रविवार को पहली बार मौजूदा चुनाव के लिए प्रचार में उतरे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में कई जनसभाएं कीं. राहुल ने एक बार फिर राफेल, रोजगार, जीएसटी और नोटबंदी जैसे मुद्दे उठाए लेकिन कश्मीर या धारा 370 पर उन्होंने पीएम मोदी या अमित शाह की चुनौती का कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, राहुल ने इतना जरूर कहा कि सरकार 370 और चांद की बात करती है, लेकिन समस्याओं पर खामोश है.
यानी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर राज्य के नेताओं तक सभी नेता किसान और रोजगार के साथ स्थानीय मुद्दों को वरीयता देते हुए धारा 370 जैसे राष्ट्रीय मसले पर कुछ कहने या जवाब देने से परहेज कर रहे हैं. जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तो स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि उनका सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा धारा 370 ही है.