फलक शमीम
राँची 24 JUNE : सरायकेला में भीड़ द्वारा युवक की पिटाई के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक पार्टियां इसे मॉब लिंचिंग का नाम देते हुए अपनी राजनीतिक रोटियां सेकती नजर आ रही है, और इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई के साथ गिरफ्तारी ना होने पर राज्य सरकार को विरोध और धमकियां भी दे रहे हैं ।
इसी क्रम में रांची के अल्बर्ट एक्का चौक में विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठन के अगुआ सहित स्थानीय लोग सरायकेला में हुए मामले का विरोध जताया साथ ही मामले की जांच करते हुए दोषियों पर करवाई और इस तरह के मामले पर अंकुश लगाने की मांग सरकार से की ।
हालांकि इस मामले में सूचना के मुताबिक खरसावां थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं सरायकेला थानेदार पर काम में लापरवाही बरतने के आरोप में विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई है ।
वहीं दूसरी कड़ी में इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी पप्पू मंडल समेत दो अन्य की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। बहरहाल यह कोई पहला मामला नहीं जब झारखंड में मॉब लिंचिंग के नाम पर यानी भीड़ द्वारा निर्दोष को कुचलने का काम किया है , बावजूद इसके सरकार इस तरह के मामलों पर अमलीजामा पहनाने का काम करती रही है ।
इसलिए ऐसा कहना गलत नहीं होगा की झारखंड राज्य में लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है क्योंकि जब तक जात धर्म और निजी स्वार्थ से परे लोग नहीं उठेंगे तब तक लोगों के मन में नकारात्मक तस्वीर बनी रहेगी, इसलिए जरूरत है सबसे पहले ऐसी सोच को बदलने की ताकि जात पात की राजनीति से उठकर लोग ऊपर आए और झारखंड राज्य की एकता और अखंडता बनाने में सहयोग करें ।