आश्का पटेल,
रांची: त्योहार हम सभी को अपने परिवार और करीबियों से जोड़े रखता है, खासकर के दीपावली में इस पर्व पर मिट्टी के बने दिये जिसकी खूबसूरती कम नहीं होती. दीपावली पर मिट्टी के दीये से घरों को रोशन करें, दीपावली आने वाली है. लोग इसकी तैयारी में जूट गये हैं. घरों की साफ-सफाई भी शुरू हो गयी है. वहीं, कुम्हार मिट्टी के दीये बना रहे हैं. ताकि दीपावली पर कुछ कमाई कर सकें और लोग मिट्ठी के दीयों से पारंपरिक दीपावली मना सकें. मिट्टी के दिये जलाकर पर्व त्योहार को मनाते वक्त हम अपनी मिट्टी से भी जुड़े रहे, लेकिन एक बात यह भी है कि जिस मिट्टी के दीये को बनाकर जो लोग हमें त्योहारों में जमीन से जोड़कर रख रहे हैं वहीं वह बड़ा ही कठिन जीवन जीने को मजबूर हैं.
हटिया की रहने वाली बुजुर्ग महिला फूलो देवी जिनकी हाथों से बने दिये, जो पिछले 10 साल से डोरंडा बाजार में दिये बेच रही है. चाक पर चलते हाथ और मिट्टी से तैयार होते दीये. बुढ़े हाथ और उंगलियों की जादू दीये की खूबसूरती में देखते बनती है. इनका पूरा परिवार इन दिनों दीपावली के लिए दीये बनाने में जुटा है. अलग-अलग जगहों पर मिट्टी के चाक चल रहे हैं. चाक पर मिट्टी से सने हाथ बस दीये बनाने की धुन है. ताकि इस दीपावली कुछ अच्छी कमाई हो जाये.