ब्यूरो चीफ
रांची: झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) से बंद पड़ी परियोजनाओं में कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है. इस तबादले के विरोध में तारापद झा ने झारखंड हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर भी ले लिया है. मामले की सुनवाई 23 अक्तूबर को होगी, जिसमें राज्य सरकार को अपना पक्ष रखना है.
जानकारी के अनुसार निगम की तरफ से चंदुला स्टोन माइंस साहेबगंज और सिकनी कोलयरी, बेंती बाग्दा समेत कई बंद परियोजनाओं में 12 सितंबर को 14 कर्मियों का तबादला कर दिया गया. इसमें मुख्यालय में पदस्थापित तारापद झा ने झारखंड हाईकोर्ट में सरकार के तबादले किये जाने के फैसले को चुनौती दे दी.
उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि जेएसएमडीसी की 13 परियोजनाओं में से 95 फीसदी परियोजनाएं बंद हैं. ऐसे में तृतीय वर्ग, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी, लिपिक और अन्य का तबादला किया जाना न्यायसंगत नहीं है. इनमें से कई कर्मियों को यह कहते हुए बंद परियोजनाओं में तबादला प्रशासनिक कारणों से कर दिया गया. इनका एलपीसी भी तबादले के बाद तुरंत स्थानांतरित जगहों पर कर दिया गया, जो नियमों के विरुद्ध है.
जेएसएमडीसी की 13 परियोजनाओं में से 12 परियोजनाएं बंद
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की 13 परियोजनाएं में से अधिकतर बंद की स्थिति में है. सिंकनी कोल परियोजना फरवरी 2019 से लगातार बंद है. निगम की बेंती बाग्दा परियोजना, खमारबाद बांसकुपी परियोजना कोल परियोजना, कायनाइट परियोजना बहरागोड़ा, बेंती-बाग्दा लाइम स्टोन प्रोजेक्ट, सेमूरा सालनतुआ लाइम स्टोन प्रोजेक्ट, तुपुदाना ग्रैफाइट परियोजना, कोल ट्रेडिंग, विश्रामपुर ग्रेफाइट प्रोजेक्ट, चेलंगी ग्रनाइट प्रोजेक्ट जैसे प्रोजेक्ट बंद हो गये हैं. अब तो कोल ट्रेडिंग भी बंद हो गयी है.
चंदूला बंद परियोजना में भेजे जा रहे कर्मचारी
साहेबगंज की बंद पड़ी परियोजना चंदूला स्टोन प्रोजेक्ट्स में अब निगम के स्थापना शाखा द्वारा ट्रांसफर किया जा रहा है. इस परियोजना में 20 वर्षों से उत्पादन ठप है. इसमें 39 कर्मी हैं, जिसमें से तीन बालू प्रकोष्ठ में प्रतिनियुक्त हैं. पर्यावरण का क्लीयरेंस नहीं मिलने से प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो रहा है. यहां पर पदस्थापित पांच कर्मियों को छोड़ कर शेष को आवश्यकतानुसार स्थानांतरित करते हुए उपयोगिता के आधार पर कार्य दिया जा रहा है. तबादला करने के बाद स्थापना शाखा की तरफ से लास्ट पेमेंट सर्टिफिकेट भी साहेबगंज भेज दिया गया. अब यह कहा जा रहा है कि तकनीकी वजहों से ट्रांसफर पर स्टे नहीं हटाया जा सकता है.
23 अक्तूबर को हाईकोर्ट में देना है जवाब
23 अक्तूबर को झारखंड हाईकोर्ट में तारापद झा बनाम जेएसएमडीसी मामले पर सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने इनके मामले पर सुनवाई करते हुए दैनिक वेतनभोगी तारापद झा को स्थायी कर्मचारियों की तरफ सुविधाएं देने का आदेश दिया गया था. इनका ट्रांसफर भी बंद पड़े सिकनी कोलियरी में कर दिया गया था. न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की अदालत में 23 को सुनवाई होगी. जिसमें हाल में हुए तबादले पर स्थगन आदेश पारित किया गया था. इस पर सरकार की तरफ से किये गये ट्रांसफर पोस्टिंग पर जबाव देना है.
कौन-कौन हैं जेएसएमडीसी के प्रोजेक्ट
जेएसएमडीसी के प्रोजेक्ट | कब से हैं बंद |
सिकनी कोलियरी, लातेहार | 2012-13 से उत्पादन बंद, फरवरी 2019 से सब काम प्रभावित |
खमारबाद बांसकुपी कोल परि | 2012-13 से बंद |
चंदुला स्टोन प्रोजेक्ट, साहेबगंज | 20 साल से बंद |
बेंती-बाग्दा लाइम स्टोन प्रोजेक्ट | 2013-14 से उत्पादन बंद |
सेमरा सलनतुआ लाइम स्टोन | 2013-14 से उत्पादन बंद |
तुपुदाना ग्रेफाइट प्लांट | 2015-16 से बंद |
तुपुदाना ग्रेफाइट ग्राइंडिंग प्लांट | 2011-12 से बंद |
विश्रामपुर ग्रेफाइट प्रोजेक्ट पलामू | 2013-14 से बंद |
चेलांगी ग्रेनाइट प्रोजेक्ट | 2014-15 से बंद |
कायनाइट परियोजना बहरागोड़ा | उत्पादन बंद |