पेरिस: पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की बैठक में आज पाकिस्तान की किस्मत का फैसला होगा. एफएटीएफ से उसे कोई राहत नहीं मिली है. उसे आतंकियों को आर्थिक मदद करने की वजह से मंगलवार को फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला लिया गया था. आज इसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा हो सकती है.
पाकिस्तान आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग से जुड़े मामलों को रोकने में नाकाम साबित हुआ है. जिसके कारण उसपर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि चीन, तुर्की और मलेशिया के समर्थन की वजह से पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में ही रहने के आसार ज्यादा हैं.
दरअसल, किसी देश को ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए तीन देशों के समर्थन की जरुरत होती है. पाकिस्तान को चीन, तुर्की और मलेशिया का समर्थन मिला है. ऐसे में संभावना है कि वह ब्लैकलिस्ट होने से बच जाए. पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा कि पाकिस्तान ने 27 में से 20 बिंदुओं पर सकारात्मक प्रगति की है.