खास बातें:-
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तीन साल तक गायब रहने के बाद आईएएस अफसर को मिली सिर्फ निंदन की सजा, अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर ने की अनुशंसा
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वर्तमान में आईएएस अरवा राजकमल हैं चाईबासा के डीसी, केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजी गई अनुशंसा
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वर्तमान में एक और आईएएस बाघमारे प्रसाद कृष्णा भी बिना सूचना के हैं एक साल से गायब
रांचीः झारखंड कैडर के आईएएस अफसर के खिलाफ लगभग पांच साल तक डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग (विभागीय कार्यवाही) चली. इसके बाद उन्हें निंदन की ही सजा की अनुशंसा की गई. 2008 बैच के आईएएस अफसर अरवा राजकमल जब बोकारो डीसी थे, तब उन्होंने 8 फरवरी 2013 से 14 दिनों के लिए ईएल के लिए अप्लाई किया था. 7 फरवरी 2013 को उन्होंने बिना किसी सक्ष्म प्राधिकार को बताए मुख्यालय छोड़ दिया. इसके बाद फिर 14 दिनों की छुट्टी के लिए अप्लाई किया. फिर तीन साल की छुट्टी के लिए ईओएल अप्लाई किया.
अपर मुख्य सचिव ने की पूरे मामले की जांच
अरवा राजकमल के मामले में अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर इंदू शेखर चतुर्वेदी ने जांच की. विभागीय कार्यवाही के दौरान आईएएस अफसर इंदू शेखर चतुर्वेदी ने आरोप को सही पाया. इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुंशसा की गई. अब राज्य सरकार ने आईएएस अफसर अरवा राजकमल को निंदन की सजा देने की अनुशंसा भारत सरकार से की है. कार्मिक विभाग ने अनुशंसा से संबंधित पत्र कार्मिक मंत्रालय के भेज दिया है.
एक और आईएएस अफसर हैं रडार पर
बिना सूचना के एक साल से एक और आईएएस अफसर गायब हैं. 2011 बैच के आईएएस वाघमारे प्रसाद कृष्णा भी लगभग एक साल से बिना सूचना के अनुपस्थित हैं. ये भी विभागीय कार्यवाही में दोषी पाए गए हैं. सूत्रों के अनुसार इस पर सरकार जल्द आरोप तय करेगी. विभागीय कार्रवाई के संचालन पदाधिकारी अपर मुख्य सचिव इंदू शेखर चतुर्वेदी ने जांच रिपोर्ट कार्मिक को सौंप दी है.