रांचीः सीएम रघुवर दास ने कहा कि उनका क्या दोष है जो सामान्य नागरिक थे. नक्सलियों ने उन्हें अपना निशाना बनाया. वे हमारे लोग थे ..हमें उनके लिए दर्द है. हम उनके लिए खड़े हैं. झारखंड उग्रवाद से ग्रसित राज्य था. हमारी सरकार के गठन के बाद से ही उग्रवाद के प्रति सरकार का रुख काफी कड़ा रहा है. राज्य में उग्रवाद अब अपने अंतिम चरण में है. उग्रवाद से निपटने के लिए हमारे कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है.
राज्य में कई बेकसूर लोगों को भी नक्सली हिंसा का शिकार होना पड़ा है. सरकार इन वीर शहीद जवानों के आश्रितों और परिवारों के साथ सदैव खड़ी रहेगी. उग्रवादी हिंसा में मारे गए निर्दोष सामान्य नागरिकों के आश्रितों को उनका हक देना सरकार की जिम्मेदारी है. इन सभी दायित्वों को राज्य सरकार की गृह विभाग निष्ठापूर्वक निभा रहा है. सीएम शुक्रवार प्रोजेक्ट भवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में बोल रहे थे. मौके पर सीएम ने उग्रवादी हिंसा में मृत सामान्य नागरिकों के 65 आश्रितों और कारा अस्पताल में 85 पारा चिकित्सा के पदों, कुल 150 पदों पर नियुक्ति पत्र सौंपा.
राज्य में अमन, चैन, शांति बहाल रखना सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह संकल्प है कि झारखंड में सदैव अमन, चैन और शांति बनी रहे ताकि विकास कार्य त्वरित गति से हो सके. राज्य में हमारी सरकार के गठन के बाद से ही नक्सलियों के प्रति कड़ी कार्रवाई की गई. पिछले 5 सालों में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने का काम राज्य के पुलिसकर्मियों ने कर दिखाया है.
सरकार का दृढ़संकल्प उग्रवाद मुक्त झारखंड बनेगा
राज्य सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ नक्सलियों से निपटने का काम किया है. आने वाले समय में झारखंड पुलिस और जनता के आपसी सहयोग से हमें पूरी तरह उग्रवाद मुक्त झारखंड बनाना है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए पुलिसकर्मी और आम जनता आपसी समन्वय बनाएंगे तभी सफलता मिलेगी. मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले कुछ वर्षों में हम उग्रवाद मुक्त झारखंड का निर्माण कर सकेंगे.
उग्रवादी हिंसा में मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के साथ सरकार सदैव खड़ी रहेगी
उग्रवादी हिंसा में मारे गए व्यक्तियों की जान तो वापस नहीं लाई जा सकती, परंतु सरकार इन परिवारों के आश्रितों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी. उग्रवादी हिंसा में मृत व्यक्तियों के आश्रितों को उनका हक देना सरकार की जिम्मेदारी है जो हमारी सरकार कर रही है. आज इसी क्रम में इन आश्रित परिवारों के 150 लोगों को सरकार नियुक्ति पत्र सौंप रही है. उन्होंने कहा कि जनसंवाद के तहत “सीधी बात” कार्यक्रम में नक्सली हिंसा में मारे गए परिवारों की कई शिकायतें आती हैं कि उन्हें नौकरी अथवा मुआवजा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, इन शिकायतों पर राज्य सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर उन्हें हर संभव मदद पहुंचाने का कार्य किया है. निश्चित समय सीमा के अंदर मुआवजा और नौकरी देने के लिए सरकार ने स्पष्ट निर्देश भी संबंधित विभागों को दिया है.
जेल में बंद बंदियों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जेलों में बंद बंदियों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिए गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आज 85 पारा चिकित्सा कर्मियों को नियुक्ति पत्र दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पारा चिकित्सा कर्मी अब जेल में बंद बंदियों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए अपना शत प्रतिशत लगाएंगे.
मेडिकल क्षेत्र में है रोजगार के बड़े अवसर
मेडिकल कॉलेज, मेडिकल हॉस्पिटल इत्यादि स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं. राज्य सरकार द्वारा झारखंड की बच्चियों को कौशल विकास के माध्यम से नर्सिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है साथ ही उन्हें रोजगार से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है. सीएम ने नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में उपस्थित सभी 150 नवनियुक्त कर्मियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी. कहा कि आप सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि एक कर्मयोगी बन कर कार्य करें. अपने कार्य के दौरान मिली जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा भाव से निभाएं. अपने कार्य के दौरान जनकल्याण का संकल्प लेकर आम जनता की मदद करें.
सांकेतिक रुप से इन्हें मिला नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर उग्रवादी हिंसा में मृत सामान्य नागरिकों के आश्रित सुकरा मुंडा, जीदन टुटी, जकरियस टोपनो, सीताराम मुंडा, सनातन पातर, महेंद्र प्रसाद मुंडा, फुलेश्वरी देवी, रेखा कुमारी एवं कारा अस्पताल में पारा चिकित्सा के पदों के लिए बिजली कुमारी नाग, सीमा रोहिणी मींज, दमयंती प्रधान, अजय कुमार गुप्ता, पवन कुमार पासवान, भीम कुमार महतो और अभिनव सौरभ को नियुक्ति पत्र सौंपा. ये नियुक्तियां आरक्षी, चतुर्थ वर्ग, नर्स, कंपाउंडर, फार्मासिस्ट और एक्स-रे टेक्नीशियन के पदों के लिए हुईं हैं. इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग सुखदेव सिंह, डीजीपी केएन चौबे, डीजीपी मुख्यालय पीआरके नायडु, विशेष सचिव गृह विभाग तदाशा मिश्रा एवं कारा निरीक्षक शशि रंजन, सहित विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.