ब्यूरो चीफ,
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राजधानी के सीवरेज-ड्रेनेज घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. रांची नगर निगम की तरफ से 16 अक्तूबर 2019 को 360 करोड़ के सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना के कांट्रैक्टर ज्योति बिल्डटेक को टर्मिनेट कर दिया गया. कंपनी को 2016 में दिये गये कार्यादेश के तहत 160 करोड़ रुपये का भुगतान और 56 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि दी गयी थी. प्रदेश कांग्रेस के अनुसार सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया 150 करोड़ का स्कैम है. प्रवक्ता आलोक दुबे और लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना में कानपुर की कंपनी को किस तरह काम दिया गया, यह सबको मालूम है. कंपनी ने चार वर्षों में योजना के तहत मात्र 40 फीसदी ही काम पूरा किया.
रांची शहर में 1960 करोड़ से अधिक की सीवरेज ड्रेनेज योजना को भाजपा की सरकार ने ही मंजूरी दी थी, उस समय नगर विकास मंत्री खुद वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास थे. उनके कार्यकाल में योजना के सलाहकार के चयन की बातें भी काफी उछली थी, जिसकी जांच विधानसभा की एक उप समिति ने की थी.
प्रदेश कांग्रेस के नेताद्वय ने कहा है कि ज्योति बिल्डटेक को नगर निगम प्रशासन, मेयर, उप महापौर और नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने अधिक तवज्जोंं दी. नियमों के विरुद्ध एक ही बार में अग्रिम के रूप में कंपनी को 56 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया. जबकि काम शुरू करने के लिए योजना का पांच प्रतिशत ही बगैर ब्याज के दिया जाना था.
नेताद्वय ने कहा है कि ज्योति बिल्डटेक ने बगैर काम किये ही 160 करोड़ रुपये ले लिये. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा पर भी जांच की जानी चाहिए कि कैसे ज्योति बिल्डटेक को भुगतान करने की अनुशंसा की गयी. प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पहले चरण में बूटी मोड़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना था. डुमरदगा के मलीन बस्ती के पास जमीन भी ली गयी, पर काम शुरू नहीं किया गया. पहले चरण में रातू रोड रीफ्यूजी कॉलोनी, कृष्णा नगर, देवी मंडप रोड, इंद्रपुरी, लाह कोठी, मधुकम गली में मुहल्लों के बीच जैसे-तैसे सीवर पाइप लाइन बिछाया गया. इसकी भी गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए. खुद सत्ता पक्ष के सांसद महेश पोद्दार और अन्य ने कांट्रैक्टर कंपनी के खिलाफ आवाज उठायी.