ब्यूरो चीफ,
रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल रेस हो गए हैं. सत्ता पक्ष सहित विपक्ष में शामिल दलों की भी सक्रियता बढ़ गयी है. एक ओर भाजपा जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से जनता के साथ सीधे संवाद करने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष में शामिल प्रमुख दल झामुमो, कांग्रेस, झाविमो व राजद की ओर से भी अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. झामुमो ने कल (19 अक्तूबर) को राजधानी रांची में बदलाव रैली का आयोजन किया है, इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की रैली 20 अक्तूबर को राजधानी में होने वाली है. इसके पूर्व झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी राजधानी में रैली कर अपनी शक्ति प्रदर्शित की थी.
विपक्षी महागठबंधन का खाका तैयार नहीं हो पाया है
विपक्षी दल कांग्रेस, झामुमो, झाविमो व राजद अपने-अपने स्तर से अपनी पार्टी की रैलियां आयोजित कर इसके माध्यम से जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हैं. भारतीय निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों के झारखंड दौरे पर है. भाजपा ने राज्य में विधि-व्यवस्था व निष्पक्ष मतदान कराने का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से यहां पांच चरणों में मतदान कराने की अपील की है. वहीं विपक्ष में शामिल राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आयोग को एक ही चरण में पूरे झारखंड में चुनाव संपन्न कराने का प्रस्ताव दिया गया है. भाजपा की ओर से ईवीएम द्वारा मतदान कराने की बात कही गई है. वहीं, विपक्षी दलों ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराने का चुनाव आयोग को प्रस्ताव दिया है. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर यह भी कयास लगाया जा रहा है कि विपक्ष की ओर से महागठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ा जाएगा.