देश में ट्रेन बहुत पहले ही चल गई थी. 1853 में बम्बई (मुंबई) से ठाणे के बीच चली थी। चली तो पहले थी लेकिन पहुंच आज तक बाद में रही है, मतलब पहुंचने में लेट हो जाती है. वो दिन है और आज का दिन यात्रियों को रेलवे से खेद का अलावा कुछ हाथ नहीं लगा. मगर अब मिलेगा, ट्रेन लेट होने पर मुआवजा.
देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस लेट हो गई है. जिसके कारण लखनऊ और दिल्ली को दोनों तरफ के 951 यात्रियों को 250-250 रुपये मुआवजा दिया जाएगा. दरअसल, आईआरसीटीसी का नियम है कि तेजस एक्सप्रेस अगर एक घंटे से ज्यादा विलंब होगी तो 100 रुपये और दो घंटे से अधिक देरी पर 250 रुपये मुआवजा यात्रियों को दिया जाएगा.
लखनऊ जंक्शन पर गुरुवार रात कृषक एक्सप्रेस के दो कोच डिरेल होने से शुक्रवार सुबह तक ट्रेनों का संचालन अस्त-व्यस्त रहा. जिसके चलते पहली बार नई दिल्ली जाने वाली 82501 तेजस एक्सप्रेस करीब 3 घंटे लेट हो गई. वापसी में भी ट्रेन लेट ही आई. दोनो ही तरफ कुल 951 यात्रि सफर कर रहे थे. लखनऊ से दिल्ली 451 यात्रि और दिल्ली से लखनऊ 500 यात्रि ट्रेन में सफर कर रहे थे. अब नियम के मुताबिक आईआरसीटीसी के नियम के मुताबिक सबको मुआवजा मिलेगा. जिस पर कुल 2 लाख, 37 हजार, 750 रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
आईआरसीटीसी के सीआरएम अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमने प्रत्येक यात्री को उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा है. वे इस पर क्लिक करके मुआवजे का दावा कर सकते हैं.’ यही नहीं देरी के लिए यात्रियों से माफी भी मांगी गई है. यात्रियों को अतिरिक्त चाय, दोपहर का भोजन और पैकेट पर ‘विलंब के लिए माफी’ स्टिकर्स के साथ जलपान परोसा.